एच.आई.वी. AIDS को लेकर हुआ ये अहम खुलासा, जानें क्या है नई खोज!
एच.आई.वी. की वजह से व्यक्ति एड्स का शिकार हो जाता है। जब किसी व्यक्ति को एड्स हो जाता है तो उसका बचना नामुमकिन होता है। एड्स कोई बिमारी नहीं बल्कि बीमारियों का समूह होता है। एच.आई.वी. वायरस की वजह से व्यक्ति का शरीर कमजोर हो जाता है और उसके ऊपर कई बीमारियां एक साथ आक्रमण कर देती हैं। जब ऐसा होता है तो इस स्थिति को एड्स कहते हैं।
छुपा लेती हैं एड्स के वायरस को:
अभी हाल ही में फ्रांस के वैज्ञानिकों ने इसको लेकर महत्वपूर्ण खोज की है। वैज्ञानिकों ने एड्स के वायरस को जगह देने वाली श्वेत रक्त कोशिकाओं के बारे में पता लगाने का एक तरीका खोज लिया है। यही वह कोशिकाएं होती हैं जो एड्स के वायरस को छिपा लेती हैं और जब व्यक्ति दवा लेता है तो उसका इनपर कोई असर नहीं होता है। कोशिकाओं का पता लगाने के बाद वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि एक ना एक दिन इन कोशिकाओं को खत्म करने का तरीका भी पता चल जायेगा।
कई सालों से चल रहा था शोध:
आपको बता दें कि इस दिशा में काफी दिनों से शोध कार्यक्रम चलाया जा रहा था। फ्रांस के सी. एन. आर. एस. शोध इंस्टिट्यूट ने कहा कि इस शोध ने वायरल रिजर्वायर्स के बारे में बेहतर समझ का मार्ग खोल दिया है। वैज्ञानिकों द्वारा किये गए इस शोध को नेचर पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। आप तो जानते ही हैं कि एच. आई. वी. का कोई इलाज नहीं है और लोग इसके प्रभाव को दबाने के लिए जीवनभर दवाएं खाते रहते हैं।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि प्रतिरक्षा तंत्र में कोशिकाओं की एक छोटी संख्या इसके वायरस को छिपने के लिए जगह देने का काम करती हैं। इस वजह से इलाज बंद करने के कई साल बाद पुनः वायरस एक्टिवेट हो जाता है और पूरे शरीर में फैल जाता है। आपको बता दें कि किसी भी एच. आई. वी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में 200 अरब सीडी 4टी कोशिकाएं पायी जाती हैं और इनमें से केवल 10 लाख कोशिकाएं ही एच. आई. वी. के वायरस को छिपने के लिए जगह देती हैं।