अब चीन से नहीं खरीदी जाएंगी रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट, भारत ने खुद तैयार की 3 लाख स्वेदेशी किट
चीन द्वारा दी गई अधिकतर रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट खराब निकल रही हैं और गलत नतीजे दे रही हैं।
भारत सरकार ने खुद से ही रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट बनाने का फैसला किया है और देश में ही रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। खबरों के अनुसार आने वाले 8 दिनों के अंदर ही 10 से 12 लाख किट तैयार की जाएंगी और ये किट गुरुग्राम के मानेसर में बनाई जा रही हैं। दरअसल भारत ने चीन से रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट खरीदी थी। लेकिन चीन द्वारा दी गई अधिकतर रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट खराब निकल रही हैं और गलत नतीजे दे रही हैं। जिसके चलते भारत ने चीन से खरीदी सभी रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट उन्हें वापस करने का फैसला लिया है और खुद से ही रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट बनाने का निर्णय लिया है। इसी निर्णय के तहत रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट बनाने का कार्य शुरू हो गया है और कुछ ही दिनों के अंदर रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट बनकर तैयार हो जाएंगी।
ये दो कंपनियां बना रही हैं किट
भारत में रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट मानेसर में सरकारी कंपनी एचएलएल हेल्थकेयर और दक्षिण कोरियाई कंपनी एसडी बायोसेंसर तैयार कर रही हैं। दक्षिण कोरियाई कंपनी एसडी बायोसेंसर के मैनेजमेंट से जुड़े अंशुल सारस्वत के अनुसार उनकी कंपनी ने इस समय एक लाख किट बना ली है और 25 हजार किट हरियाणा सरकार को दे दी गई है। इस कंपनी की क्षमता दिन में एक लाख किट बनाने की है। जिसे बढ़ाकर तीन लाख किया गया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा किट कम समय के अंदर बनाकर राज्यों को दी जा सके।
एक कोरोड़ किट बनाने का लक्ष्य
बायोसेंसर कंपनी की और से एक करोड़ किट बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसे एक महीने के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। जबिक 8 दिनों के अंदर 10 से 12 लाख किट बना ली जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ एचएलएल हेल्थकेयर कंपनी ने भी तेजी के साथ ये किट बनाना शुरू कर दिया है और इस कंपनी ने अभी तक एक लाख किट बना ली हैं और इन किट को मेकर शयोर नाम दिया गया है। हालांकि अभी इन किट को आईसीएमआर से मंजूरी मिलना बाकी है।
काफी सस्ती हैं ये किट
भारत में बनाई जा रही ये किट चीन से खरीद कीट के मुकाबले काफी सस्ती हैं। बायोसेंसर की और से बनाई गई किट, चीनी किट के मुकाबले 400 रुपये सस्ती है और इसकी कीमत 380 रुपये की है।
आरटी-पीसीआर किट भी बनाई जा रही हैं
रैपिड एंटीबॉडी किट के अलावा भारत में अब आरटी-पीसीआर किट भी बनाई जा रही हैं और ये किट लोनावला स्थित डायग्नोस्टिक फर्म माइलैब्स बना रही है। प्रोजेक्ट से जुड़े सौरभ गुप्ता ने अनुसार हर हफ्ते उनकी कंपनी 1.25 से 1.50 लाख किट बन रही हैं और ये किट ढाई घंटे में परिणाम दे देती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के देश में मई से 20 लाख टेस्टिंग किट बनना शुरू हो जाएगी। जिनमें से 10 लाख रैपिड एंटीबॉडी किट होंगी और 10 लाख आरटी पीसीआर किट होंगी। इसके अलावा देश में वेंटीलेटर बनाने का कार्य भी किया जा रहा है और हर महीने छह हजार वेंटीलेटर बनाने की लक्ष्य रखा गया है।
गौरतलब है कि चीन देश से खरीदा जा रहा अधिकतर सामान खराब निकल रहा है और गलत नतीजे दे रहा है। ऐसे में भारत सरकार की और से ये कदम उठाया गया है और देश की कंपनी ही अब इन किट को बनाने में जुट गई हैं।