खुशखबरी! कोरोना वैक्सीन बनाने के बेहद करीब हैं वैज्ञानिक, सफलता से बस एक कदम दूर
कोरोना महामारी को देखते हुए कई देशों के वैज्ञानिक वैक्सीन की तैयारी में जुटे हए हैं, लेकिन ब्रिटेन इसमें बाजी मारने वाला है
कोरोना के कहर ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई हुई है। अब तक लाखों लोग इस महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं और हजारों अभी भी संक्रमित है। संक्रमितों का आंकड़ा और मरने वालों की संख्या आए दिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में लोगों के अंदर इस महामारी को लेकर अब निराशा बढ़ने लगी है। हर किसी के मन में ये ही सवाल उठ रहा है कि कब ये कोरोना खत्म होगा और लोग कब आजाद होंगे। इन सारी चिंताओं के बीच ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की तरफ से एक उम्मीद दिखती नजर आ रही है।
आज होगी टेस्टिंग शुरु
खबर है कि कोरोना को जड़ से मिटाने के लिए वैक्सीन तैयार कर ली गई है और आज यानि 23 अप्रैल को ही इंसानों पर उसकी टेस्टिंग भी शुरु हो रही है। मतलब की अगर ये प्रयोग सफल रहा तो दुनिया से कोरोना खत्म हो जाएगा और ऐसा करिश्मा दिखाने वाली ये सुपर वैक्सीन होगी। इस प्रयोग को सफल बनाने में लंदन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक काफी करीब है। किसी भी वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण ही सबसे अहम पड़ाव होता है। इसके बाद ही किसी बीमारी के इंजेक्शन की कामयाबी तय हो पाती है।
बात करें इस सुपर वैक्सीन की तो इसको नाम दिया गया है- चाडॉक्स वन। खबरों के मुताबिक तीन फेज में इस वैक्सीन का इस्तेमाल मरीजों पर किया जाएगा। पहले फेज में वैक्सीन का ट्रायल 510 वॉलंटियर्स पर किया जा रहा है। दूसरे फेज में सीनियर सिटिजन्स यानि की 60 साल से ऊपर के लोगों पर इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा। तीसरे चरण में 5000 वॉलंटियर्स पर इसका असर देखा जाएगा।
सुपर वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरु
अगर ये प्रयोग सफल होता है तो सितंबर तक 10 लाख वैक्सीन इस्तेमाल में लाइ जाएंगी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सराह गिलबर्ट ने बताया कि उनकी टीम अनजान बीमारियों पर काम कर रही थी। इस बीमारी को नाम दिया गया था डिजीज एक्स… ताकी अगर आने वाले समय में कोई महामारी फैले तो हम इसका मुकाबला कर सकें। इस बात को अंदाजा तो हमें भी नहीं था कि इतनी जल्दी इस वैक्सीन की जरुरत पड़ जाएगी। इस तकनीक को हम कई अलग अलग बीमारी पर आजमा चुके हैं। इसका रिसपान्स काफी अच्छा रहा है। इसकी सिंगल डोज इम्यूनिटी बेहतर कर सकती है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी को देखते हुए कई देशों के वैज्ञानिक वैक्सीन की तैयारी में जुटे हए हैं, लेकिन ब्रिटेन इसमें बाजी मारने वाला है। इसकी खोज करने वाले वैज्ञानिकों को इस पर इतना यकीन है कि ट्रायल के साथ साथ दुनिया में 7 सेंटर पर वैक्सीन का प्रोडक्शन भी शुरु हो चुका है। इस सेंटर में भारत का नाम भी शामिल है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एड्रियन हिल ने कहा कि हमने इस वैक्सीन को बनाने का जोखिम उठा लिया है। ये कोई छोटे स्तर पर नहीं है। हम दुनिया के 7 अलग अलग उत्पादकों के नेटवर्क की मदद से वैक्सीन तैयार कर रहे हैं। हमारे तीन पार्टनर यूके में है, दो यूरोप में, एक चीन में और एक भारत में। इस ट्रायल के लिए ब्रिटेन सरकार ने 210 करोड़ रुपए देने का ऐलान भी किया है।