कट्टरपंथियों के मुंह पर तमाचा – ‘तीन तलाक’ के खिलाफ RSS का साथ देंगी मुस्लिम महिलाएं!
नई दिल्ली – उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ‘ट्रिपल तलाक’ यानि कि ‘तीन तलाक’ का मुद्दा बड़े ही सलीके से उठाया, जिसका फायदा यह हुआ कि बीजेपी को भारी संख्या में मुस्लिम वोट मिले और यह कट्टपंथियों के मुंह पर तमाचे जैसा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (RRM) ने तीन तलाक के विरोध में एक अभियान चलाया, जिसको देश भर से दस लाख से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं का समर्थन मिला है। Triple talaq muslim with BJP.
ट्रिपल तलाक के खिलाफ RSS के साथ 10 लाख मुस्लिम महिलाएं –
ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर RSS से जुड़े एक संगठन की पिटीशन पर अभी तक दस लाख से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने साइन किया है और यह संख्या आगे और बढ़ेगी। खबरों के अनुसार, यह पिटीशन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा साइन करवाई जा रही है। इस पिटीशन पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा है कि इसे धर्म से जोड़कर ना देखा जाए क्योंकि तीन तलाक एक सामाजिक समस्या है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेशनल कॉर्डिनेटर मोहम्मद अफजल ने कहा कि, ‘बीजेपी की यूपी में हुई बड़ी जीत, देवबंद जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में उनका जीतना यह दिखाता है कि बीजेपी को मुस्लिम महिलाओं का साथ मिला है। जिससे साफ होता है कि मुस्लिम महिलाएं बीजेपी के तीन तलाक पर लिए गए फैसले के साथ हैं।’
पीएम ने कहा थाः मुसलमान औरतों को हक दिलाना हमारी जिम्मेदारी –
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी विधानसभा चुनावों में प्रचार के दौरान कहा था कि साम्प्रदायिक आधार पर मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय नहीं होना चाहिये और मीडिया तीन तलाक को राजनीतिक और साम्प्रदायिक मुद्दा बनाने के बजाय कुरान के ज्ञाताओं को बैठाकर इस पर सार्थक चर्चा करवाये। बीजेपी भी इस बात को जानती है कि यूपी में प्रचंड बहुमत दिलाने में मुस्लिम वोटों की अहम भूमिका रही है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की और उन लोगों के होश उड़ा दिये जो ये सोच रहे थे कि बीजेपी को मुस्लिम वोट नहीं मिलेंगे। बीजेपी ने अपने दम पर 312 सीटें जीती। इस जीत में सबसे बड़ी बात यह रही कि बीजेपी ने ऐसे इलाकों में भी जीत दर्ज की है जहां पर मुस्लिम आबादी ज्यादा है। इसपर ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार ने ट्रिपल तलाक यानि कि तीन तलाक के मुद्दे पर अपना जो पक्ष रखा उसकी वजह से अधिकतर मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी का साथ दिया है।