Amazon-Flipkart से नहीं मिल पाएगा Laptop और Mobile, सिर्फ ये सामान ही कर सकते हैं ऑर्डर
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन घोषित है। 25 मार्च से 21 दिनों तक यानि 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा था, लेकिन 14 अप्रैल को जब पीएम मोदी ने लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया, तो उस दिन पीएम ने ये भी कहा था कि 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में उन इलाकों में सशर्त छूट दी जा सकेगी, जो जिले कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं। सरकार ने 20 अप्रैल से लॉकडाउन में कुछ ढील देने का निर्णय लिया था। इसी के अंतर्गत कई तरह के कारोबार 20 अप्रैल से शुरू हो सकेंगे। ई-कॉमर्स कंपनियों को भी अपना कारोबार शुरू करने की इजाजत दी गई है, लेकिन वे सिर्फ जरूरी सामानों की ही आपूर्ति कर सकेंगे।
क्या कहा सरकार ने?
20 अप्रैल से बाजार खुलने के अलग अलग तरह के कयास लगाए जा रहे थे। इस बात की भी जोरों से चर्चा थी कि ई-कॉमर्स कंपनियां फ्लिपकार्ट और अमेजन सभी प्रकार की सेवाएं शुरू करेंगे और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से मोबाइल, टीवी, लैपटॉप आदि खरीद सकते हैं। इसके लिए ऑर्डर लेने भी शुरू कर दिए गए थे, लेकिन रविवार को गृह मंत्रालय की तरफ से जारी नए गाइ़डलाइ में स्पष्ट कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां केवल जरूरी सामानों की ही आपूर्ति कर सकती हैं।
क्या क्या है आवश्यक वस्तुओं में?
ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति की लिस्ट में ग्रॉसरी यानी किराने का सामान, फल, सब्जियां आदि हैं। मतलब अमेजन फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों से आप अपने लिए खाने पीने की सामान, ग्रॉसरी और फल सब्जी आदि ही ऑर्डर कर पाएंगे। अन्य गैर जरूरी सामान अभी नहीं खरीद सकते।
क्यों हुआ भ्रम?
14 अप्रैल को पीएम मोदी ने लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान किया था। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि जो इलाके कोरोना मुक्त हैं, उन इलाकों में सशर्त आर्थिक गतिविधियों में छूट दी जाएगी। इसके एक दिन बाद सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए एक लिस्ट तैयार की थी, जिसमें ये बताया गया था कि 20 अप्रैल के बाद किन आर्थिक गतिविधियों पर छूट मिलेगी।
गाइडलाइन में कुछ सेवाओं के लिए सशर्त छूट दी गई, ताकि रोजमर्रा की जरूरी चीजों की सप्लाई बनी रहे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने गाइडलाइन में निर्देश दिए थे कि ई-कॉमर्स कंपनियों को अपना कारोबार करने की छूट होगी। यानी ऑर्डर और माल सप्लाई का काम शुरू होगा और ई-कॉमर्स कंपनियों के वैन और डिलीवरी बॉय को रोका नहीं जाएगा।
व्यावसायिक और निजी संस्थानों के बारे में एक उपखंड में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार शुरू करने की इजाजत दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों की गाड़ियों और डिलीवरी बॉय को जरूरी परमिशन के साथ आवाजाही की अनुमति होगी।
इस निर्देश में यह साफ नहीं था कि यह सभी सेवाओं और वस्तुओं के लिए है या सिर्फ आवश्यक वस्तुओं के लिए। इसलिए ई-कॉमर्स कंपनियों ने इस आदेश को अपने पक्ष में माना और सभी तरह के सामानों के ऑर्डर लेने शुरू कर दिए थे।
यही नहीं, रेडिमेड कपड़ों की सप्लाई करने वाले कंपनियों ने भी आपूर्ति शुरू करने और आर्डर लेने की तैयारी कर ली थी, लेकिन रविवार को फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उसका पहले का निर्देश सिर्फ जरूरी वस्तुओं के लिए था, बाकी अन्य गैर जरूरी सामानों की आपूर्ति बंद रहेगी।