यह 10 विशेष तरह के पाप जो अनजाने में हर कोई करता है, फिर भुगतता है इस का दुष्परिणाम
हमारे ग्रंथों से हमें काफी कुछ ज्ञान मिलता है और इस ज्ञान की मदद से हम लोग जीवन में सही और गलत की पहचान कर पाते हैं। ग्रंथों मेें ही पाप और पुण्य का उल्लेख भी किया गया है और कई सारे पुण्य और पापों के बारे में बताया गया है। इस लेख की मदद से हम आपको ग्रंथों में बताए गए। इन्हीं पाप और पुण्य के बारे में बताने जा रहे हैं। ताकि आप ये पाप करने से बचें और पुण्य कर अपने जीवन को सही दिशा में ले जाएं।
ना करें ये 10 पाप
ग्रंथों के अनुसार नीचे बताए गए 10 कार्य पाप की श्रेणी में आते हैं और इन कार्यों को करने से इंसान का जीवन कष्टों से भर जाता है। इसलिए मनुष्य को ये कार्य नहीं करने चाहिए।
1.दूसरे लोगों के धन पर नजर रखना पाप माना जाता है। जो लोग दूसरे लोगों के धन को हड़पने की कोशिश करते हैं। उन लोगों को जीवन में केवल परेशानी ही मिलती है।
2. मन के विरुध जाकर हम जो काम करते हैं वो भी पाप की श्रेणी में आता है।
3. अपने आपको सबसे ऊपर मनाने वाले लोग पाप के भाग्यदारी बनते हैं। दरअसल ऐसे लोग केवल अपने बारे में ही सोचते हैं और अन्य लोगों को छोटा समझते हैं।
4. कई लोग बोलते समय कठोर वचनों का प्रयोग करते हैं और ऐसा करने से कई लोगों का मन दुख जाता है। इंसान को केवल मधुर भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए।
5. झूठ बोलने वाले व्यक्तिों पर पाप चढ़ता है और ऐसे लोग सदा दुखी ही रहते हैं।
6. किसी की निंदा करना सही नहीं माना जाता है और निंदा करने वाले लोगों का जीवन पाप से भर जाता है।
7. बकवास बातें करना भी पाप माना जाता है। इसलिए हमेशा सोच समझ कर ही बात करें।
8. कभी भी चोरी ना करें। क्योंकि चोरी करना पाप माना गया है।
9. तन, मन, कर्म से किसी को दु:ख करना वाला इंसान भी पापी होती है।
10. दूसरों की स्त्री पर नजर रखना सही नहीं होता है और ये भी एक पाप माना गया है।
ये हैं दस पुण्य कर्म
- जीवन में हमेशा धैर्य बनाएं रखें और धैर्य के साथ ही कार्य करें।
2. हमेशा मन को शांत रखें और लोगों से मीठी वाणी में ही बात करें।
3. जितना हो सके दान करें और गरीब लोगों की मदद करें। साथ में ही ब्राह्मणों को भी भोजन जरूर करवाएं और उनकी सेवा करें।
4. गाय की सेवा करें और जानवरों को ना मारें।
5. घर में सफाई रखें और कभी भी घर को गंदा ना होने दें।
6. अपने से बड़े लोगों की बातों को माने। उनका सम्मान करें और उनकी सेवा हमेशा सच्चे मन से करें।
7. रोज भगवान की पूजा करें और कुल देवता को भी याद करें।
8. हमेशा सत्य का साथ दें और अपने धर्म से पीछे ना हटें। जितना हो सकें उतने धार्मिक कार्य करें।
9. हर किसी के साथ प्रेम से ही रहें।
10.रोज सुबह जल्दी उठा करें।
ऊपर बताए गए कर्मों को करने से आपका जीवन सुखों से भर जाएगा और आप जो चाहते हैं वो आपको मिल जाएगा।