मुस्लिम युवक ने नहीं खाया क्वॉरेंटाइन सेंटर में दलित के हाथ का बना खाना, कहा इसे एक दलित ने..
सिराज अहमद नाम के युवक ने यह कह कर भोजन करने से मना कर दिया कि इसे एक दलित ने पकाया है
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सामाजिक भेदभाव का एक बड़ा ही शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां के भुजौली खुर्द गांव में एक क्वॉरेंटाइन सेंटर में सिराज अहमद नाम के एक युवक द्वारा दलित के हाथों से बना खाना खाने से इंकार कर दिया गया, जिसके बाद उसके खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
क्या है मामला?
In Kushinagar district of UP near Gorakhpur, a resident Siraj Ahmad refused food cooked by a dalit, but others easily accepted. Even the local MP, from BJP, ate the food cooked by the dalit pradhan to send the right message.
Just the case to be ignored by @BhimArmyChief and gang pic.twitter.com/AWzTdDZK66— Swati Goel Sharma (@swati_gs) April 17, 2020
खड्डा पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) आरके यादव के हवाले से बताया गया है कि सिराज अहमद के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है। ग्राम प्रधान लीलावती देवी के प्रति सुभाष गौतम ने इस घटना के बारे में कहा है कि जाति पर आधारित भेदभाव को झेलने के बाद उन्हें बड़ा आघात पहुंचा है। उन्होंने दावा किया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में संक्रमण की चपेट में आने के डर से जब खाना बनाने वाला रसोईया भाग खड़ा हुआ तो इसके बाद यहां आइसोलेशन में रह रहे पांच भूखे लोगों के लिए उनकी पत्नी बहुत ही बुरा महसूस कर रही थीं। ऐसे में वे खुद वहां चली गईं और उन्होंने उनके लिए भोजन पकाया। बाकी 4 लोगों ने तो भोजन कर लिया, लेकिन सिराज अहमद नाम के युवक ने यह कह कर भोजन करने से मना कर दिया कि इसे एक दलित ने पकाया है।
पहुंचे भाजपा विधायक
इस बात की खबर जैसे ही भाजपा विधायक विजय दुबे को हुई, वे तुरंत लीलावती देवी के घर पहुंच गए और उन्होंने उनसे उनके द्वारा बनाया गया भोजन परोसने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि छुआछूत एक सामाजिक बुराई है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सिराज अहमद को चार अन्य लोगों के साथ बीते 29 मार्च को तब गांव के एक प्राथमिक विद्यालय में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में रख दिया गया था, जब वह दिल्ली से लौटा था।
10 अप्रैल की घटना
पुलिस ने बताया है कि बीते 10 अप्रैल को ग्राम प्रधान लीलावती देवी क्वॉरेंटाइन सेंटर पहुंची थीं और वहां उन्होंने पांच लोगों के लिए भोजन पकाया था। सिराज अहमद के भोजन करने से इंकार के बाद पुलिस के मुताबिक इसके बाद लीलावती देवी ने इसकी सूचना एसडीएम देशदीपक सिंह और बीडीओ रमाकांत को दी। उन्होंने रविवार को पुलिस ने इस बारे में एक शिकायत भी दर्ज करा दी।
अब भी भेदभाव
भले ही भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 के द्वारा छुआछूत का उन्मूलन कर दिया गया है, फिर भी अब तक धर्म, जाति, समुदाय और लिंग के आधार पर देश में जगह-जगह से जो भेदभाव की शिकायतें अक्सर सामने आती रहती हैं, उससे यह साफ हो गया है कि अब तक देश के कई हिस्सों में हिंदू समाज में यह सामाजिक बुराई व्याप्त है। जहां लेफ्ट से जुड़े लोग और इस्लाम को मानने वाले कई लोग जाति प्रथा की वजह से हिंदुत्व का मजाक उड़ाते हुए दिख जाते हैं, वहीं ऐसे में एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा दलित के हाथों से बनाया खाना खाने से इंकार किया जाना वाकई बेहद रोचक बन पड़ा है।
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