जानें क्या है कोरोना पूल टेस्टिंग? जिसकी मदद से एक साथ किया जा रहा है हज़ारों लोगों का टेस्ट
इस तरह से अगर टेस्ट किया जाएगा तो समय और पैसे तो बचेंगे ही इस के अलावा जांच में कई गुना तक तेजी आ जायेगी
पूल टेस्टिंग (Pool Testing) की मदद से अब कोरोना वायरस की लड़ाई में तेजी आए गई है। पूल टेस्टिंग से एक साथ ही कई लोगों का टेस्ट किया जाएगा और ऐसा होने से कम समय में ही कोरोना संक्रमित लोगा की पुष्टि की जा सकेगी। पूल टेस्टिंग का इस्तेमाल कई सारे देश कर रहे हैं और अब भारत में भी पूल टेस्टिंग की जा रही है।
क्या होती है पूल टेंस्टिंग
पूल टेंस्टिंग से एक साथ ही कई सारे लोगों का टेस्ट किया जाता है। इस टेस्टिंग में कोरोना संदिग्ध लोगों के नाक और गले के स्वैब को मिक्स किया जाता है। उसके बाद इसका टेस्ट किया जाता है। अगर रिपोर्ट नेगिटिव आती है तो इसका अर्थ है कि जिन लोगों के स्वैब का टेस्ट किया गया है उनको कोरोना वायरस नहीं हैं। वहीं रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मतलब है कि जिन लोगों का स्वैब लिया गया है, उनमें किसी को कोरोना वायरस है और ऐसा होने पर उन लोगों का अलग-अलग कोरोना टेस्ट किया जाता है।
पूल टेंस्टिंग की मदद से एक साथ ही कई लोगों का टेस्ट हो जाता है और रिपोर्ट जल्दी आ जाती है। आगरा में पूल टेस्टिंग के जरिए ही 150 लोगों का टेस्ट किया गया है और यूपी सरकार इस टेस्ट पर जोर दे रही है। सूबे के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के अनुसार पिछले 3 दिनों से लगातार पूल टेस्टिंग की जा रही है। आगरा में सबसे पहले ये टेस्टिंग की गई थी और अब लखनऊ में भी पूल टेस्टिंग का कार्यक्रम शुरू हो गया है।
पूल टेस्टिंग से ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट जल्द हो पा रहा है। पूल टेस्टिंग पर लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ (मेजर) देवेंद्र सिंह नेगी बता करते हुए बताया कि “पूल टेस्टिंग में एक साथ 5 या उससे ज़्यादा कोरोना संदिग्ध लोगों का टेस्ट किया जाता है और उनके नाक और गले के स्वैब को लेकर मिक्स किया जाता है। इससे एक सैंपल बनाया जाता है और फिर उसकी जांच होती है। अगर पूरा सैंपल कोरोना वायरस नेगेटिव निकलता है तो ये मान लिया जाता है कि सभी लोग निगेटिव हैं। वहीं सैम्पल पॉजिटिव आता है तो बारी-बारी से सभी व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट किया जाता है।
पूल टेस्टिंग से कोरोना की जांच में तेज़ी आएगी और एक ही दिन में सैकड़ों लोगों का टेस्ट किया जा सकेगा। पूल टेस्ट का प्रयोग कई देशों में किया जा रहा है और इसकी मदद से एक टेस्ट से ही काफी कोरोना नेगेटिव लोगों का पता चल जा रहा है।
गौर है कि कोरोना वायरस के टेस्ट की रिपोर्ट देरी से आती है और एक-एक आदमी का ही टेस्ट हो पाता है। मगर पूल टेस्टिंग से समय, संसाधन और आर्थिक बचत होगी और एक साथ ही कई लोगों का टेस्ट किया जा सकेगा।
कोरोना वायरस से दुनिया में 1 लाख 55 हजार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 21 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित हैं। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मामले 14 हजार पहुंच गए हैं। जबकि इस वायरस से 480 लोगों की मौत हो चुकी है।