लॉकडाउन को लेकर बदले ममता बनर्जी के तेवर, दीदी को अब सता रहा है ये डर
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अब अपने राज्य में कोरोना के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का डर सता रहा है।उन्होंने आशंका जताते हुए शुक्रवार को अपने प्रदेशवासियों से अपील की है कि बाजार और भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूरी बनाए रखें। साथ ही पश्चिम बंगाल के सभी लोगों से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने का भी अनुरोध किया है। गत तीन दिनों में बंगाल में 63 कोरोना पॉजिटीव मरीज पाए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, राज्य में कोरोना पॉजिटीव मरीजों की संख्या 4 अपैल को सिर्फ 69 था, जो 16 अप्रैल आते आते 255 हो गया।
कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या को बढ़ता देख ममता बनर्जी ने कहा कि यदि हम लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन नहीं करेंगे, तो कम्युनिटी ट्रांसमिशन की संभावना अधिक हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजारों में भीड़ न हो इसके लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जरूरत पड़ने पर बाजारों में सशस्त्र पुलिस कर्मी भी तैनात किए जाएंगे। इन सभी बातों से कोरोना को लेकर ममता बनर्जी का रूख थोड़ा बदला हुआ सा दिख रहा है। दरअसल, कुछ समय पहले तक वे इस बात पर जोर दे रहीं थीं कि राज्य में एक मानवीय तरीके से लॉकडाउन लगाया जाएगा और इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि पुलिस लोगों के साथ ज्यादती न करे।
बदले ममता बनर्जी के तेवर
कुछ समय पहले तक लॉकडाउन को हल्के में लेने वाली ममता बनर्जी के तेवर अब बदल चुके हैं। इस बाबत में उन्होंने कहा कि जो कोई भी लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं किया गया तो हम बड़े खतरे में आ जाएंगे।’ इससे पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कुछ लोग बंगाल में लॉकडाउन लागू करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की मांग कर रहे हैं।’ दरअसल, राज्यपाल ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया में लिखा था, ‘राज्य को केंद्रीय बल की आवश्यकता है।’ बता दें कि बाद में इसका समर्थन भाजपा के नेशनल सेक्रेटरी राहुल सिन्हा ने किया था।
गौरतलब हो कि पिछले सप्ताह ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल को फटकार लगाई थी कि लॉकडाउन के नियमों का सही तरीके से पालन करें। साथ ही लॉकडाउन के उल्लंघन पर सख्त नाराजगी भी जताई थी, क्योंकि पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के समय भी लोगों को छूट दिए गए थे।
गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के दौरान छूट दिए जाने पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि राज्य में गैर जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने दी गई। साथ ही गृह मंत्रालय ने इस बात से भी नाराजगी जताई थी कि लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार धार्मिक जमावड़े की भी अनुमति दे रही है। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेश को गृह मंत्रालय की तरफ से पत्र भेजा गया था, जिसमें गृह मंत्रालय ने कहा था, कोलकाता में राजबजार, नारकेल डांगा, टोपसिया, मेतियाबुर्ज, गार्डेनरीच, इकबालपुर और मुनिकटला जैसे जगहों पर सब्जी, मछली और मांस बाजारों में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि नारकेल डांगा जैसे स्थानों पर कोविड-19 के मामले कथित तौर पर अधिक आए हैं।