इन 6 हार्मोन्स के बिगड़ने से बढ़ने लगता है औरतों का वजन, जानें कैसे कर सकती हैं कंट्रोल
शरीर में वजन बढ़ने का कारण सिर्फ गलत खान-पान ही नहीं है बल्कि हार्मोन्स की गड़बड़ी से भी वजन अनियंत्रित हो जाता है
शरीर में बढ़ता मोटापा ना सिर्फ आपके शरीर की खूबसूरती बिगाड़ता है बल्कि सेहत के लिहाज से भी ये काफी खतरनाक है। वजन बढ़ने के कई कारण होते हैं, जैसे गलत खान-पान, सोने की गड़बड़ी, मूड का बिगड़े रहना या ज्यादा जंक फूड खाना। हालांकि इन सारी चीजों के अलावा हार्मोन्स भी मोटापा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।महिलाओं में वजन बढ़ने का एक बड़ा कारण हार्मोन्स की गड़बड़ी भी है।
महिलाओं को प्रेग्नेंसी, पीएमएस, मेनोपॉज और तनाव जैसी कई चीजें होती हैं जिनसे उनका वजन पुरुषों की अपेक्षा अधिक बढ़ता है। अगर आपके हार्मोन्स गड़बड़ हों तो फिर एक्सरसाइज और डाइटिंग से भी वजन कम होना मुश्किल होगा। अगर आप वजन कम करना चाहती हैं तो अपने हार्मोन्स को संतुलित रखने की कोशिश करें। आपको बताते हैं की कैसे आप अपने हॉर्मोन्स को बैलेंस करके वेट लॉस कर सकती हैं।
इंसुलिन
आपके शरीर में ग्लूकोज को ले जाने का काम इंसुलिन करता है। इसकी वजह से आपको एनर्जी महसूस होती है। हालांकि इंसुलिन का स्तर अगर शरीर में बढ़ने लगे तो वजन तेजी से बढ़ता है। इससे टाइप 2 डायबटीज का खतरा भी बढ़ने लगता है। इंसुलिन का स्तर बढ़ाने का काम करता है चीनी, शराब और ज्यादा मीठी चीजें। अगर आप अपने शरीर में इंसुलिन के स्तर को कम करना चाहती हैं तो पहले इन सारी चीजों का सेवन एकदम कम कर दें।
कॉर्टिसोल
क्या आप जानती हैं की जब आप बहुत ज्यादा तनाव लेती हैं, गुस्सा करती हैं या फिर डिप्रेशन में रहती हैं तब आप शरीर का बहुत नुकसान करती हैं। इससे भी आपका वजन बढ़ता है। इसके लिए जिम्मेदार है कोर्टिसोल जो की एक स्टेरॉयड हार्मोन्स है। ये शरीर में तब सिक्रीट होता है जब हम बहुत ज्यादा तनाव या डिप्रेशन में रहते हैं। जब इसका लेवल बढ़ता है तो हमें बार बार भूख लगती है। ऐसे में सिर्फ अनहेल्दी चीजें ही खाने का मन भी करता है। ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए इसे योग, ध्यान और व्यायाम के जरिए कंट्रोल किए जा सकते हैं।
एस्ट्रोजन
महिलाओं में एस्ट्रोजन ज्यादा होता है, लेकिन इसका स्तर बहुत ज्यादा भी नहीं होना चाहिए। अगर आपमें एस्ट्रोजन की मात्रा ज्यादा हो या कम भी हो तो भी मोटापा बढ़ सकता है। शरीर में एस्ट्रोजन का ज्यादा होना आपके शरीर में इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में खून में शुगर का लेवल बढ़ जाता है और वजन बढ़ने लगता है।
टेस्टोस्टेरोन
महिलाओं में पुरुषों की तुलना में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होती है। ये फैट जलाने का काम करता है। साथ ही मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करता और उत्तेजना को बढ़ाता है। महिलाओं में अंडाशय इस हार्मोन्स को रिलीज करते हैं, लेकिन उम्र और तनाव बढ़ने की वजह से हार्मोन्स का लेवल कम हो जाता है।। इसके चलते शरीर मोटा होने लगता है।
थॉयराइड
शरीर में थॉयराइड ग्रंथि तीन हॉर्मोन रिलीज करती है- टी3, टी 4 और कैल्सीटोनिन। साथ ही हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म, नींद, हार्ट रेट, ग्रोथ और ब्रेन के विकास करने के काम को भी कंट्रोल करती है। कभी-कभी थायराडइ बिगड़ जाता है या इन हार्मोन्स को सही मात्रा में उत्पादन नहीं कर पाता है तो इससे हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। इसके लक्षण हैं कब्ज, थकान, अवसाद। इससे शरीर का वजन भी इसलिए बढ़ने लगता है क्योंकि हार्मोन की कमी से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।
प्रोजेस्टेरोन
शरीर के सही विकास और हेल्दी रहने के लिए प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन को बैलेंस रहना बहुत जरुरी है। प्रोजेस्टेरोन का लेवल शरीर में तब गिरने लगता है जब बहुत ज्यादा तनाव हो, एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करना या फिर अनहेल्दी फूड की मात्रा ज्यादा बढ़ जाए। ऐसे में डिप्रेशन आने लगता है और वजन भी बढ़ जाता हैं।