अध्यात्म

अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय स्थल ( Places To Visit In Ayodhya)

अयोध्या दर्शनीय स्थल: अयोध्या भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। अयोध्या में ही भगवान राम जी का जन्म हुआ था और इस जगह से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई हैं। अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। यह नगरी इस राज्य की फैज़ाबाद जिले में सरयू नदी के दाएं तट पर बसी हुई है। रामायण ग्रंथ में अयोध्या का जिक्र मिलता है और इस ग्रंथ के अनुसार अयोध्या ही वो जगह है। जहां पर राम जी का जन्म हुआ था और राम जी ने यहां कई सालों तक शासन किया था।

अयोध्या दर्शनीय स्थल की जानकारी

अयोध्या को राम जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं इस जगह आते हैं और राम जी के मंदिर के दर्शन करते हैं। हालाांकि अयोध्या में राम मंदिर के अलावा और भी कई सारे दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। जो कि रामयाण काल से जुड़े हुए हैं। इसलिए आप जब भी अयोध्या जाएं तो अयोध्या दर्शनीय स्थल पर जरूर जाएं। अयोध्या दर्शनीय स्थल की सूची इस प्रकार है।

भरत कुंड

भरत कुंड फैजाबाद से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इतिहास के अनुसार इस जगह पर राम जी के भाई भरत ने तपस्या की थी। राम जब तक वनवास पर थे, तब तक भरत इसी जगह पर रहे थे। इस जगह को नंदी ग्राम के नाम से भी जाती है। इस जगह पर एक कुंड भी है और लोग इस कुंड के पानी से स्नान करते हैं। ऐसा जाता है कि इस कुंड के पानी से स्नान करने से रोग दूर हो जाते हैं। इसके अलावा श्राद्ध के दौरान भी लोग इस कुंड में आकर यहां पर डुबकी लगाया करते हैं।

मणि पर्वत

अयोध्या दर्शनीय स्थल की सूची में जो अगला स्थान है वो मणि पर्वत है। मणि पर्वत को देखे बिना अयोध्या की यात्रा सफल नहीं मानी जाती है। इस पर्वत से जुड़ी कहानी के अनुसार भगवान हनुमान जब संजीवनी बूटी के विशाल पर्वत को लेकर लंका जा रहे थे। उसी दौरान इस जगह पर संजीवनी बूटी के कुछ अंश गिर गए थे। जिसके बाद से यह पर्वत प्रसिद्ध हो गया। इस पहाड़ी की ऊंची लगभग 65 फीट है।

राम की पैड़ी

सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी स्थित है। इस जगह पर पूर्णिमा की रात खास कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और लोग यहां आकर दीपक जलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस जगह पर स्थित नदी में डूबकी लगाने से पुण्य की प्राप्ति हो जाती है और पापों से मुक्ति मिल जाती है। राम की पैड़ी सरयू नदी के तट के घाटों की एक श्रृंखला है।

छोटा देवकाली मंदिर

छोटा देवकाली मंदिर अयोध्या दर्शनीय स्थल का एक प्रसिद्ध स्थल माना जाता है। रामायण के अनुसार जब राम जी का विवाह हुआ था। उस समय सीता जी अपने साथ देवी गिरिजा जी की एक मूर्ति साथ लाई थी। सीता द्वारा लाई गई इस मूर्ति को रखने के लिए राजा दशरथ ने एक मंदिर बनवाया था और छोटा देवकाली मंदिर वही मंदिर है। इस मंदिर में मां की मूर्ति रख गई है और आज भी लोग इस मंदिर में आकर पूजा करते हैं।

कनक भवन

अयोध्या में स्थित कनक भवन एक मंदिर है, जो कि भगवान राम और देवी सीता को समर्पित है। इस भवन को बेहद ही भव्य तरीके से बनाया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार केकैयी ने इस महल को देवी सीता और पुत्र राम को उपहार के तौर पर दिया था। इस मंदिर में चांदी का मण्डप है, जिसके नीचे भगवान राम और देवी सीता की मूर्ती है। भगवान राम और देवी सीता की मूर्तियों को सोने के गहने पहनाएं गए हैं। लोग इस मंदिर में आकर भगवान राम और सीता के दर्शन करते हैं।

शीश महल या मंदिर

शीश महल भी भगवान राम और मां सीता को समर्पित किया गया है। यह मंदिर कांच का बना हुआ है और इसे 14वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया है। कांच से बनने के कारण इस मंदिर को शीश महल का नाम दिया गया है।

वाल्मीकि रामायण भवन

अयोध्या दर्शनीय स्थल का अगला प्रसिद्ध स्थल है वाल्मीकि रामायण भवन। वाल्मीकि द्वारा ही रामायण ग्रंथ लिखा गया है। वहीं अयोध्या में वाल्मीकि रामायण भवन बनाया गया है। इस भवन में वाल्मीकि के जीवन से जुड़ी चीजें रखी गई है और यह भवन अयोध्या से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

हनुमान गढ़ी

अयोध्या दर्शनीय स्थल की सूची में हनुमान गढ़ी भी शामिल है। हनुमान गढ़ी हनुमान जी का मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि राम जी का वनवास पूरा होने के बाद हनुमान जी उनके साथ अयोध्या आ गए थे। अयोध्या की रक्षा के लिए हनुमान जी हनुमान गढ़ी में रहा करते थे। वहीं अब इस जगह को मंदिर बना दिया गया है। इस मंदिर में मां अंजनी और उनकी गोद में बैठे बाल हनुमान की एक प्रतिमा रखी गई है। यह मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित है और मंदिर जाने के लिए कई सारी सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

त्रेता के ठाकुर

इस मंदिर में स्थित राम जी की मूर्ति को ‘त्रेता के ठाकुर’ कहा जाता है। यह मान्यता है कि इस मंदिर में ही श्री राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था। इस मंदिर को कुल्लू के राजा के द्वारा बनाया गया था और साल 1784 में इंदौर की मराठा रानी, अहिल्याबाई होल्कर ने मिलकर इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था। यह मंदिर काले बलुआ पत्थर से बना हुआ है और इस मंदिर में राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, गुरु वशिष्ठ, हनुमान, सुग्रीव और पहरेदार जय की मूर्तियां रखी गई है।

यह मंदिर साल में केवल एक बार ही खुलता है। हर वर्ष इस मंदिर को कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन खोला जाता है और इस दौरान विशाल संख्या में भक्त यहां आते हैं।

आप जब भी अयोध्या जाने का सोचे तो ऊपर बताए गए अयोध्या दर्शनीय स्थल पर भी जरूर जाएं।

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