भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी जाम्बवंती के 5 अनजाने रहस्य, उन के पुत्र ने किया था यदुवंश का नाश
भगवान श्रीकृष्ण की 8 पत्नियां थीं। और आठों की कहानियां बहुत ही रोचक हैं। श्रीकृष्ण की सभी 8 पत्नियों की जानकारी महाभारत और श्रीमद्भगवतगीता में मिलती है। श्रीकृष्ण की 8 पत्नियों में से उनकी एक पत्नी जाम्बवंती थी। तो आज हम जाम्बवंती के बारे में 5 ऐसे रहस्य बताएंगे, जो आपको शायद पता नहीं होंगे।
कौन है जाम्बवंती
जाम्बवंती, जाम्बवंत की बेटी हैं, जाम्बवंत रामायण के एक महत्वपूर्ण किरदार हैं। श्रीकृष्ण, स्यमंतक मणि लेने एक बार जंगल में गए। तो उन्हें पता चला कि स्यमंतक मणि एक गुफा में रहने वाले जामवंत के पास है। तो श्रीकृष्ण उस गुफा में गए, और जाम्बवंत जी से मणि मांगने लगे। तो उन्होंने कहा, इस मणि को प्राप्त करने के लिए तुम्हें मुझसे युद्ध करना पड़ेगा। फिर श्रीकृष्ण और जाम्बवंत के बीच 28 दिनों तक युद्ध चला। और जब जाम्बवंत युद्ध हारने लगे तो उन्होंने अपने प्रभु श्रीराम का नाम लिया। फिर श्रीकृष्ण को श्रीराम रूप में आना पड़ा। उसके बाद ने जाम्बवंत ने श्रीकृष्ण के पैर पकड़ लिए। जाम्बवंत को इस बात की ग्लानि हुई कि मैंने अपने प्रभु से लड़ाई की। फिर जाम्बवंत ने श्रीकृष्ण को मणि दे दी। और आग्रह किया कि, आप मेरी बेटी जाम्बवंती से विवाह कर लें।
जाम्बवंती का पुत्र साम्ब
श्रीकृष्ण और जाम्बवंती का पुत्र साम्ब था। लेकिन इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प है। श्रीकृष्ण अपनी सभी रानियों से समान प्रेम करते थे। लेकिन श्रीकृष्ण की प्रधान पटरानी रूक्मणी थी। उनका एक पुत्र था, प्रद्युम्न। एक बार रूक्मणी, अपने पुत्र को खाना खिला रही थी। वहीं निकट जाम्बवंती बैठी थी। माता और पुत्र का प्रेम देखकर जाम्बवंती का दिल मचल उठा। और फिर वह, कृष्ण से बोली की मेरा भी हृदय पुत्र के लिए मचल रहा है। तब श्रीकृष्ण ने कहा, तुम्हारी ये इच्छा अवश्य पूरी होगी। इसके लिए मैं कठोर तप करूंगा।
इसके बाद श्रीकृष्ण द्वारका के निकट वन में उपमन्यु मुनि के पास गए। उपमन्यु मुनि शिव के परम भक्त थे। श्रीकृष्ण ऋषि उपमन्यु के पास गए और बोले- आप जैसा शिवभक्त इस संसार में दूसरा कोई नहीं है। अतः मुझे शिव मंत्र और स्त्रोत की दिक्षा दें। मैं भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करना चाहता हूँ, क्योंकि मेरी पत्नी जाम्बवंती एक पुत्र चाहती है। लेकिन उससे पहले मैं भगवान शिव से आशीर्वाद लेना चाहता हूँ। इसके बाद ऋषि उपमन्यु ने श्रीकृष्ण को अपना शिष्य बनाया। और फिर कठोर तप के बाद, भगवान शिव प्रकट हुए। श्रीकृष्ण को कहा, अपना वरदान मांगो। श्रीकृष्ण ने वरदान में एक पुत्र मांगा।
तब भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि तुम्हारे प्रत्येक रानी से दस-दस पुत्र प्राप्त होंगे। वरदान लेकर श्रीकृष्ण द्वारका को लौटे। और फिर उनके कठोर तप से जाम्बवंती ने एक तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया। जो साम्ब के नाम से प्रसिद्ध है।
साम्ब ने किया कुल का नाश
साम्ब ने कारण ही कृष्ण कुल का नाश हो गया था। महाभारत के अनुसार, साम्ब को दुर्योधन और भानुमति की पुत्री लक्षमणा से प्रेम हो गया था। और दोनों प्रेम करने लगे थे। लेकिन दुर्योधन अपनी पुत्री का विवाह साम्ब से नहीं करना चाहता था।
जाम्बवंती-कृष्ण के पुत्र पुत्री के नाम
साम्ब, सुमित्र, पुरुजित, शतजित, सहस्त्रजित, विजय, चित्रकेतु, वसुमान, द्रविड़ और क्रतु।
जाम्बवंती का निधन
ऐसा माना जाता है कि जब यदुवंश की स्त्रियों का हरण होने लगा और फिर भी वे कुछ न कर पाए तब श्रीकृष्ण की पत्नियों ने अग्नि में कूदकर जान दे दी। तो कुछ लोग तपस्या करने वन चली गई।