एक जमाने में बेहद बोल्ड और सुंदर थी ‘रामायण’ की मंथरा, फिर इस हादसे के चलते बिगड़ा था चेहरा
लॉकडाउन के चलते और पब्लिक की डिमांड के बाद दूरदर्शन ने एक बार फिर से ‘रामायण’ का प्रसारण शुरू कर दिया हैं. रामानंद सागर द्वारा बनाई गई इस ‘रामायण’ के हर किरदार हमारे दिमाग और दिल में बसे हुए हैं. आज भी जब हम रामायण देखते हैं तो कई पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं. आज हम आपको रामायण में ‘मंथरा’ का किरदार निभा चुकी ललिता पवार (Lalita Pawar) के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं.
मंदिर में जन्मी थी ललिता पवार
ललिता पवार 18 अप्रैल 1916 को नासिक में पैदा हुई थी. उनके पिता लक्ष्मण राव शगुन एक बिजनेसमैन हुआ करते थे. उनका कॉटन का व्यापार था. ललिता के जन्म से संबंधित एक दिलचस्प किस्सा भी जुड़ा हुआ हैं. दरअसल ललिता की माँ अनुसुइया एक मंदिर में गई हुई थी, उसी दौरान उन्हें प्रसब पीड़ा हुई और उन्होंने मंदिर के अंदर ही ललिता को जन्म दिया. चुकी ये अंबा देवी का मंदिर था इसलिए ललिता का नाम ‘अंबिका’ रखा गया था. बाद में उन्होंने अपना नाम बदलकर ललिता रख लिया था.
संयोग से बनी एक्ट्रेस
ललिता पवार जब 9 वर्ष की थी तब ही उन्होंने ‘राजा हरिश्चंद्र’ नामक फिल्म से अपना बॉलीवुड डेब्यू कर लिया था. दरअसल एक बार वे अपने पिता के साथ फिल्म की शूटिंग देखने गई हुई थी तभी डायरेक्टर नाना साहेब ने अचानक ललिता को देख लिया. ऐसे में उन्होंने ललिता को बाल कलाकार का रोल ऑफर किया. पहले तो ललिता के परिवार वाले इस बात के लिए तैयार नहीं हुए थे लेकिन बाद में वे मान गए. इस तरह संयोग से ललिता जी को बॉलीवुड में पहली फिल्म मिल गई थी.
1935 में दिया था बिकिनी सीन
ललिता पवार ने 40 के दशक में ही फिल्मों बतौर लीड एक्ट्रेस काम करना स्टार्ट कर दिया था. साल 1935 में आई ‘हिम्मत-ए-मर्दा’ उनकी पहली बोलती फिल्म थी. इस फिल्म में उन्होंने बिकिनी सीन देकर हलचल मचा दी थी. उस समय में ये अपने आप में बहुत बड़ी बात थी. इसके बाद उन्हें फिल्मों में और भी कई लीड एक्ट्रेस वाले रोल मिलते चले गए. हालाँकि एक हादसे की वजह से उनकी लाइफ में सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट आया.
इस हादसे से बिगाड़ा था चेहरा
कभी बेहद खुबसूरत दिखने वाली ललिता पवार के साथ 1942 में ‘जंग-ए-आजादी’ फिल्म की शूटिंग के दौरान एक हादसा हो गया था जिसके चलते उनका चेहरा बिगड़ गया था. दरअसल इस फिल्म में वे एक्टर भगवान दादा के साथ एक सीन कर रही थी. स्टोरी की डिमांड के चलते भगवान दादा को ललिता जी को थप्पड़ मारना था. हालाँकि भगवान दादा ने ललिता पवार को इतना जोरदार थप्पड़ मार दिया कि वो नीचे ही गिर पड़ी. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया. यहाँ डॉक्टर ने उन्हें गलत दवा दे दी थी. इस गलत दावा के कारण उनके शरीर के दाहिने भाग को लकवा मार गया. बस इसी की वजह से उनकी दाहिनी आँख भी पूरी तरह सिकुड़ गई थी.
नेगेटिव रोल से हुई वापसी
चेहरा बिगड़ जाने के बाद ललिता पवार को फिल्मों में लीड एक्ट्रेस के रोल मिलना भी बंद हो गए. हालाँकि अपनी एक मूंदी आंख के साथ ललिता पवार ने कई नेगेटिव रोल जरूर किये. उनके इस नए बिगड़े लुक की वजह से डायरेक्टर्स उन्हें ज्यादतार नेगेटिव रोल्स ही ऑफर किया करते थे. ललिता ने अपने फ़िल्मी करियर में कई फिल्मों में काम किया जिसके बाद 24 फरवरी 1998 को वे दुनिया को अलविदा कह गई.