भूख से तंग आकर अनाथ बच्चियों ने PMO में किया फोन, जानिये फिर 1 घंटे में क्या क्या हो गया
लॉक डाउन के समय में गरीब लोगों का बुरा हाल हो रखा है, दिहाड़ी मजदूरों के ऊपर तो जैसे पहाड़ टूट पड़ा है, कोई भी रोजगार उपलब्ध ना होने के कारण लोगों को बहुत सी कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है, यहां तक कि लोग कई कई दिनों तक भूखे पेट रह रहे हैं, लॉक डाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि सरकार लॉक डाउन के बीच लोगों का ख्याल बिलकुल नहीं रख रही है, हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देश का कितना ख्याल रखते हैं यह समय-समय पर दिखाई देता है, भले ही लॉक डाउन की वजह से लोग परेशान हैं, लेकिन पीएम मोदी जी देश की जनता की परेशानी में हमेशा खड़े रहते हैं, एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें पीएम मोदी जी की तरफ से निर्धन और भूखी बच्चियों को सहायता दी गई है, यह बच्चियां 3 दिनों से भूख से तड़प रही थी, इनको कहीं से भी खाना नहीं मिल पा रहा था लेकिन पीएम मोदी जी की तरफ से इन भूखी बच्चियों को खाना मिला है।
हम आपको जिस मामले के बारे में जानकारी दे रहे हैं यह घटना भागलपुर के बड़ी खंजरपुर की है जहां पर तीन अनाथ बच्चियां भूख से काफी परेशान थी, यह बच्चियां लोगों के घर में बर्तन साफ करके और खाना बनाकर अपना निर्वाह कर रही थी, लेकिन अब इनको पड़ोसियों ने भी खाना देने से मना कर दिया था, 3 दिनों से इन गरीब बच्चियों ने कुछ भी नहीं खाया था, जब इनसे भूख बर्दाश्त नहीं हुई तब इन्होंने परेशान होकर कोविड-19 के लिए जारी केंद्र की हेल्प लाइन डेक्स पर कॉल करके इसकी जानकारी दी थी, जब यह जानकारी केंद्र सरकार के पास पहुंची तब इस मामले पर काफी गंभीरता से सोच विचार किया गया और इन निर्धन बच्चियों के लिए 1 घंटे के अंदर खाना मुहैया कराया गया, अधिकारी इन बच्चियों के घर तुरंत खाना लेकर पहुंच गए थे।
जब इन बच्चियों के पास अधिकारी खाना लेकर पहुंचे तो इन बच्चियों के चेहरे पर मुस्कुराहट की लहर साफ-साफ नजर आने लगी और इन बच्चियों ने खाना लेकर प्रधानमंत्री मोदी जी का शुक्रिया अदा किया, इन बच्चियों के आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगे थे, जानकारी के अनुसार 18 साल की गोरी अपनी दो छोटी बहन आशा और कुमकुम के साथ रहती है और यह तीनों बहने 3 दिनों से भूखी थी, इन तीनों बहनों ने गुरुवार के दिन अखबार में छपे विदेश मंत्रालय की हेल्पलाइन नंबर 1800118797 पर फोन करके सारी जानकारी दी थी, इस नंबर पर कॉल करके इन्होंने बताया था कि यह 2 दिनों से भूखी है और इनके घर में खाने पीने की कोई भी सुविधा नहीं है।
इन्होने कहा की यह लोगों के घरों में बर्तन साफ करके अपना गुजारा किया करती थी लेकिन अब लोगों ने काम कराने से भी मना कर दिया है, इस बात की सूचना मिलते ही अधिकारी दौड़ते हुए इनके पास खाना लेकर पहुंच गए थे, गौरी का ऐसा कहना था कि उनके पिता और माता का निधन पहले ही हो गया था, माता-पिता के जाने के बाद यह पड़ोसियों के घर में कामकाज करके अपनी छोटी बहनों का पालन पोषण करती थी लेकिन अब इनको कहीं से भी मदद नहीं मिली, तब इन्होंने अखबार में नंबर देखकर उस नंबर पर कॉल की थी।