जानें नेचुरोपैथी क्या है और इसके प्रकार (Naturopathy in Hindi)
Naturopathy in hindi: नेचुरोपैथी को हिंदी भाषा में प्राकृतिक चिकित्सा कहा जाता है। आजकल नेचुरोपैथी बहुत प्रचलित है और कई लोग नेचुरोपैथी के तहत ही अपना इलाज करवाते हैं। हालांकि नेचुरोपैथी क्या होती है। इसके बारे में काफी कम लोगों को ही पता होता है और ऐसा होने पर लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। इस लेख के जरिए हम आपको नेचुरोपैथी क्या है और नेचुरोपैथी के तहत आने वाली थैरेपी की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि नेचुरोपैथी क्या होती है?
नेचुरोपैथी क्या है (Naturopathy in Hindi)
नेचुरोपैथी का वर्णन वेदों और अन्य प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। पुराने समय में नेचुरोपैथी की मदद से ही रोगों को सही किया जाता था। नेचुरोपैथी (Naturopathy in Hindi) की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इससे शरीर को कोई नुकसान या दर्द नहीं पहुंचती है और बिना शरीर को कोई हानि पहुंचाए रोग सही हो जाता है। नेचुरोपैथी के तहत ना केवल रोग को सही किया जाता है। बल्कि साथ में ही रोगी को मानसिक रुप से भी मजबूत बनाया जाता है।
नेचुरोपैथी के तहत प्रकृति के पांच मूल तत्व का प्रयोग किया जाता है जो कि पृथ्वी, अग्नि, आकाश, जल और वायु है। इन पांच तत्व का प्रयोग कर व्यक्ति को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान की जाती है। अगर ओर सरल शब्दों में समझा जाए, तो नेचुरोपैथी के तहत प्रकृति से मिलने वाली चीजों का प्रयोग कर रोगों को सही किया जाता है।
किस तरह से करती है काम
नेचुरोपैथी के अंतर्गत कई प्रकार की थैरपी आती हैं और इन थैरपी की जानकारी इस तरह से हैं।
मड थैरेपी – Mud therapy in naturopathy in Hindi
मड थैरेपी के तहत प्रकृति मिट्टी का प्रयोग किया जाता है और मिट्टी की मदद से रोगों को सही किया जाता है। आमतौर पर त्वचा से संबंधित परेशानी होने पर मड थैरेपी का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा पेट दर्द और सिर दर्द को दूर करने में भी इस थैरेपी का प्रयोग होता है। मिट्टी प्रकृति के पांच तत्वों में से एक है और इस थैरेपी के लिए चार फीट गहराई में मिलने वाली मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है।
- मुंहासों की समस्या होने पर अगर मड थैरेपी ली जाए तो मुंहासे दूर हो जाते हैं। मुंहासे होने पर मिट्टी का लेप तैयार किया जाता है और इस लेप को चेहरे पर लगाया जाता है। यह लेप चेहरे पर लगाने से मुंहासे सही हो जाते हैं। इसी तरह से त्वचा के रुखे पन को दूर करने के लिए और त्वचा के विकारों को सही करने में मड थैरेपी सहायक होती है।
- बीपी के रोग को सही करने में भी मड थैरेपी कारगर साबित होती है। बीपी के रोगियों को रोज मिट्टी का लेप सिर पर और छाती पर लगाया जाता है। ऐसा करने से बीपी नियंत्रण में रहता है।
- सिर दर्द होने पर मिट्टी का घोल तैयार किया जाता है और इस घोल को माथे पर लगाया जाता है। यह घोल माथे पर लगाने से दर्द सही हो जाती है।
- जो लोग तनाव से ग्रस्त रहते हैं उनके लिए भी मड थैरेपी कारगर साबित होती है और इसकी मदद से तनाव से राहत मिल जाती है। तनाव होने पर शरीर पर मिट्टी का लेप लगाया जाता है और इस लेप से दिमाग को शांति मिलती है और ऐसा होने पर तनाव दूर हो जाता है।
- पेट में दर्द की शिकायत होने पर मिट्टी का लेप पेट पर लगाया जाता है।
मैग्रेट थैरेपी – Magnet therapy in naturopathy in Hindi
नेचुरोपैथी के अंतर्गत आने वाली दूसरी थैरपी को मैग्रेट थैरेपी के नाम से जाना जाता है। इस थैरेपी के तहत मैग्रेट यानी चुंबक का प्रयोग किया जाता है। मैग्रेट थैरेपी के तहत शरीर के विभिन्न अंगों के ऊर्जा मार्ग पर स्थित बिन्दुओं पर मैग्रेट चिपकाई जाती है। चुंबकीय को बिन्दु पर लगाने से ऊर्जा का संचार शुरू हो जाता है। इस थैरेपी की मदद से कंधे, कोहनी, कमर, घुटने, स्लिप डिस्क, पेट, थायरॉइड जैसे रोगों को सही किया जा सकता है।
कलर थैरेपी – Color therapy in naturopathy in Hindi
नेचुरोपैथी में कलर थैरेपी बेहद ही अहम होती है। इस थैरेपी की मदद से तनाव को सही किया जाता है। कलर थैरेपी में इंद्रधनुष के सात रंगों का प्रयोग किया जाता है। इंद्रधनुष के सात रंग खुशी, उदासी, अवसाद, गर्मी, शांति, क्रोध और जुनून आदि से जुड़े होते हैं। तनाव को सही करने के लिए इन रंगों की मदद ली जाती है।
एक्यूपंक्चर – Acupuncture in naturopathy in Hindi
यह थैरेपी एक लोकप्रिय थैरेपी है और इस थैरेपी के जरिए दर्द को दूर किया जाता है। दरअसल शरीर के जिस हिस्से में दर्द होता है उस हिस्से पर पतली-पतली सुइंया चुभाई जाती हैं। इस बिंदु का कनेक्शन बीमारी से होता है और इनकी मदद से दर्द सही हो जाती है। एक सामान्य इलाज में 5 से 20 सुई का प्रयोग होता है।
एक्यूप्रेशर – Acupressure in naturopathy in Hindi
एक्यूप्रेशर में शरीर के विभिन्न हिस्सों पर स्थित पॉइंट को दबाया जाता है। यह पॉइंट शरीर के हिस्सों से जुड़े होते हैं। उदहारण के लिए कान के पीछे की तरफ झुके हुए भाग को दबाने से सिर दर्द, तनाव और चक्कर आने की समस्या दूर हो जाती है। वहीं कोहनी के पीछे वाला हिस्सा दबाने कोलेस्ट्रॉल, उल्टी, बीपी की समस्याओं से आराम मिल जाता है।
मसाज थैरेपी – Massage therapy in Hindi
मसाज थैरेपी की मदद से तनाव, दर्द और अन्य तरह के रोगों का इलाज हो जाता है। इस थैरेपी में तेल से हाथ, पैरों, घुटने और शरीर के अन्य अंगों की मालिश की जाती है। मालिश करने से शरीर को आराम मिलता है और तनाव दूर हो जाता है। वहीं शरीर के जिस हिस्से में दर्द होती है वहां पर तेल की मालिश करने से दर्द सही हो जाता है।
हाइड्रोथैरेपी – Hydrotherapy in Hindi
हाइड्रोथैरेपी में जल का प्रयोग कर रोगों को सही किया जाता है। इस थैरेपी के तहत जल से भरे टब में कई तरह की हर्बल चीजें डालकर इस जल से स्नान किया जाता है। जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द से होने पर ये थैरेपी लेना बेहद ही सहायक होती है।
ऊपर बताई गई थैरेपी के अलावा एयर थैरेपी, फास्टिंग थैरेपी और डाइट थैरेपी भी की जाती है।
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