डॉक्टरों के संघर्ष पर आधारित हैं ये 5 बॉलीवुड फिल्में, हर किसी को आई थी पसंद
इस समय पूरा देश कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ रहा है। हर कोई, इस वायरस को हराने का संकल्प ले रहा है। लेकिन हमें याद रखना चाहिए, हमारा संकल्प कोरोना वारियर्स के दम पर ही पूरा होगा। हमारे कोरोना वारियर्स डॉक्टर, नर्सेस, अस्पतालकर्मी और सफाईकर्मी हैं। इस समय अगर कोई काम कर रहा है, तो वो यही लोग हैं। ये सभी अपने परिवार से दूर होकर आपके, हमारे परिवार को बचाने में लगे हुए हैं। ऐसे में आज हम बॉलीवुड की उन 5 फिल्मों को आज याद करेंगे, जिन फिल्मों ने डॉक्टरों को याद किया और डॉक्टर्स के संघर्ष को दिखाया।
डॉक्टर कॉन्टिस की अमर कहानी
यह फिल्म 1946 में रिलीज हुई थी। फिल्म सभी एगंल्स से डॉक्टरों को सच्चा ट्रिब्यूट देती है। फिल्म की कहानी ये है कि, एक डॉक्टर को विश्व युद्ध 2 के समय चीन भेजा जाता है। ताकि वे वहां लड़ रहे सैनिकों का इलाज कर सकें। और चीन में उस डॉक्टर की सबसे बड़ी सफलता यह रहती है कि वो प्लेग को कंट्रोल कर लेता है और प्लेग का इलाज ढूँढ लेता है। लेकिन फिल्म के अंत में डॉक्टर खुद प्लेग से मर जाता है।
आनंद
अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना की सुपरहिट फिल्म आनंद भी एक डॉक्टर के कमिटमेंट को बड़ी खूबसूरती से पेश करता है। बता दें, फिल्म में अमिताभ बच्चन डॉक्टर के रोल में हैं। डॉक्टर, जब अपने पेशेंट (राजेश खन्ना) का इलाज मेडिकल सिस्टम से नहीं कर पाता है। तो वो इलाज का दूसरा तरीका खोजता है, और उसमें कुछ हद तक सफल भी रहता है। फिल्म दिखाता है कि कैसे डॉक्टर का उद्देश्य हमेशा पेशेंट की जान बचाना ही होता है।
एक डॉक्टर की मौत
एक डॉक्टर की मौत उन डॉक्टरों की कहानी है, जो पूरी जिंदगी मेहनत तो करते हैं, लेकिन उन्हें उनका श्रेय नहीं मिलता है। इस फिल्म में दिखाया गया है, एक कम उम्र का डॉक्टर एक खतरनाक बीमारी का वैक्सीन खोज लेता है। इसके चलते पूरी दुनिया के लोग उसे जानते हैं। और वो पूरी दुनिया में फेमस हो जाता है। लेकिन देश में उस डॉक्टर को खूब परेशान किया जाता है। और जलील करके एक छोटे से गांव में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके बाद उसे पता चलता है कि जिस वैक्सीन की खोज उसने की थी, उसका श्रेय किसी और वैज्ञानिक को मिल गया। लेकिन अंत में उसे उसका फल मिलता है। और वो लगातार समाज कल्याण के लिए काम करता रहता है।
मुन्ना भाई एम बी बी एस
राजकुमार हिरानी निर्देशित ये फिल्म बॉलीवुड के लिए ये फिल्म एक मील का पत्थर है। संजय दत्त और अरशद वारसी की यादगार एक्टिंग, लोगों से भूलाए नहीं भूलती। इस फिल्म के जरिए ये दिखाया गया है कि, जब हर दवाई काम करना बंद कर दे तो भी चमत्कार हो सकते हैं। किसी का इलाज दवाई के अलावा विश्वास के दम पर भी किया जा सकता है। फिल्म में मुरली(संजय दत्त) अपने पिता की नजरों में डॉक्टर बनने का नाटक जरूर करता है। लेकिन साथ ही साथ अपने निराले अंदाज से हर किसी के जीवन में खुशियां भर देता है।
अरमान
अमिताभ बच्चन, अनिल कपूर और ग्रेसी सिंह स्टारर फिल्म अरमान साल 2003 में आई थी। इस फिल्म में तीनों डॉक्टर थे। डॉक्टर भी कैसे दुविधा और धर्म संकट में फंस जाते हैं, ये फिल्म इसकी कहानी है। फिल्म में दिखाया गया है कि अमिताभ बच्चन स्टेट ऑफ आर्ट अस्पताल बनवाना चाहते हैं, लेकिन उनके पास पैसे नहीं है। वहीं अनिल कपूर को अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए डॉक्टर भी बनना है, और वो एक लड़की से प्यार भी करते हैं। उन्हें इन दोनों में से किसी एक को चुनना है। फिल्म में ऐसी कई चीजें हैं, जिसको देख डॉक्टरों की दुविधाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है।