कोरोना संकट के बीच जेल से बाहर आ सकते हैं RJD सुप्रिमो लालू प्रसाद यादव, मिल सकता है फायदा
लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में जेल में सजा काट रहे है, इसमें पूरे 950 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था
देश में कोरोना वायरस का संकट गहराता जा रहा है और सरकार हर किसी को इस वायरस से बचाने का मुमकिन प्रयास कर रही है। इसी संकट के चलते ये खबर भी सामने आ रही है की बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को जेल से राहत मिल सकती है। चारा घोटाला मामले में जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव को सरकार पैरोल देने पर विचार कर रही है। खबरों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लालू यादव को पैरोल दी जा सकती है। आरजेडी विधायक और प्रवक्ता विजय प्रकाश ने बताया की झारखंड सरकार लालू प्रसाद यादव को पैरोल दे सकती है।
लालू प्रसाद को मिल सकती है पैरोल
दरअसल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के खतरे को देखते हुए जेल प्रशासन को कैदियों के पैरोल देने के संबंध पर अपना फैसला सुनाया था। ये महामारी छूने से फैलती है और इसका पूरा इलाज सामने नहीं आया है। ऐसे में जेल की भीड़ में भी कोरोना वायरस किसी को भी हो सकता है जिससे जेल के बाकी कैदियों को भी ये बीमारी हो सकती है। ऐसे में झारखंड सरकार लालू प्रसाद यादव को भी पैरोल देने पर विचार कर रही है।
गौरतलब है कि झारखंड में एक हफ्ते पहले तक कोरोना संक्रमण के एक भी मरीज नहीं थे, लेकिन बीते कुछ दिनों में तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। ऐसे में बढ़ते कोरोना संकट को देखते हुए आरजेडी के साथ कांग्रेस के नेताओं ने भी रांची रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद यादव की जेल से बाहर आने की मांग शुरु कर दी। बता दें की एक हफ्ते पहले भी पैरोल के लिए झारखंड हाई कोर्ट के जज एससी मिश्रा, मुख्यसचिव सुखदेव सिंह और जेल आईजी की बैठक हुई थी।
उस बैठक के वक्त झारखंड में कोरोना का एक भी केस सामने नहीं आया था, इसलिए 7 अप्रैल को फिर से बैठक बुलाई गई थी। इसमें अभी फैसला लिया जाना बाकी है की लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर बाहर आने को मिलता है या नहीं क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो और लोगों के भी बाहर आने का मामला फंस जाएगा। साथ ही ये भी तय होना बाकी है की ये पैरोल कितने दिन का होगा।
लंबे समय से बीमार है आरजेडी सुप्रिमो
लालू प्रसाद यादव की तबीयत भी काफी समय से ठीक नहीं चल रही है। उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती किया गया है। कुछ समय पहले 8 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने लालू के इलाज की समीक्षा की थी। उस जांच में फिलहाल ये तय हुआ था कि उन्हें एम्स नहीं भेजा जाएगा। उनके किडनी की समस्या के लिए दिल्ली से नेफ्रोलॉजिस्ट को बुलाया जाएगा। अगर डॉक्टर उन्हें बाहर भेजने की सलाह देते हैं तो ही उन्हें बाहर ले जाया जाएगा। फिलहाल मेडिकल बोर्ड रिम्स में चल रहे उनके इलाज से डॉक्टर संतुष्ट हैं।
बता दें की 1990 से लेकर 1994 के बीच देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर 89 लाख 27 हजार रुपए निकालने के आरोप में लालू प्रसाद यादव जेल में बंद हैं। इसमें पूरे 950 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था जिसमें एक मामला देवघर कोषागार से जुड़ा हुआ है। इसमें 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर 1997 को मुकदमा दर्ज किया गया था और 20 साल बाद इस पर सजा सुनाई गई थी। लालू उस वक्त बिहार के मुख्यमंत्री थे।