बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा देकर निभाया बेटों का फर्ज, लॉक डाउन में नहीं हो पाया था इलाज
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पूरा देश काफी चिंतित है, पूरे देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ चुकी है, लोगों का रोजगार छीन चुका है, दिहाड़ी मजदूरों को कोई रोजगार ना मिलने की वजह से उनको भूखा प्यासा रहना पड़ रहा है, कोरोना वायरस की वजह से लॉक डाउन के दौरान लोगों को आर्थिक, शारीरिक और भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, किसी को खाने के लिए भोजन नहीं है तो किसी को शारीरिक पीड़ा हो रही है, यहां तक कि बीमार लोगों को समय पर डॉक्टर भी नहीं मिल पा रहे हैं, आज हम आपको एक ऐसे मामले के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसको जानने के बाद आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे, दरअसल एक शख्स को लॉक डाउन के कारण उचित इलाज मुहैया ना होने के कारण उसको उसकी जान चली गई है जिसकी वजह से इसके परिवार वालों पर भारी संकट आ गया है।
हम आपको जिस शख्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं उसका नाम संजय कुमार है और यह थाना बन्नादेवी के नुमाइश मैदान के निवासी है, जैसा कि आप लोग जानते हैं देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए लॉक डाउन का एलान प्रधानमंत्री जी ने कर दिया है और 14 अप्रैल लॉक डाउन अवधि तक सारे बाजार बंद रहेंगे, कोई भी लॉक डाउन के दौरान घर से बाहर नहीं निकलेगा, सभी लोग घर में ही रहेंगे, लेकिन लॉक डाउन की वजह से लोगों को बहुत सी परेशानियां देखनी पड़ रही है, आपको बता दें कि संजय कुमार टीबी की बीमारी से पीड़ित थे लेकिन लॉक डाउन के इस समय में उनको उचित इलाज नहीं मिल पाया था जिसके चलते शनिवार को उनकी जान चली गई, समय पर इलाज ना मिलने के कारण इस शख्स को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा, संजय की 5 बेटियां हैं और अपने पिता की मृत्यु के बाद इनके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट गया है और इस संकट के समय में इनकी बेटियों ने ही बेटों का फर्ज निभाते हुए अपने पिता की अर्थी को खुद कंधा देकर इनका अंतिम संस्कार किया है।
संजय कुमार भले ही गरीब थे लेकिन यह किसी के आगे नहीं झुके और ना ही इन्होंने किसी की सहायता मांगीं, यह काफी टाइम से टीबी की बीमारी से पीड़ित चल रहे थे लेकिन कुछ दिन पहले ही इनकी हालत कुछ ज्यादा ही खराब हो गई, लेकिन लॉक डाउन की वजह से इनको कोई भी डॉक्टर नहीं मिल पाया, जिसके कारण इनका इलाज भी नहीं हो पाया था और इन्होंने टीबी की बीमारी से लड़ते हुए अपना दम तोड़ दिया था, इनके घर परिवार की आर्थिक हालत इतनी खराब थी कि इनकी चार बेटियों ने भी भी स्कूल जाना बंद कर दिया था, जब संजय कुमार की तबीयत खराब रहने लगी तब इनकी बेटियों के ऊपर काफी जिम्मेदारी बढ़ गई और आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से इनको स्कूल छोड़ना पड़ गया था, आपको बता दें कि इनकी 5 बेटियों में से एक बेटी की शादी हो चुकी है।
वैसे देखा जाए तो इस तरह की खबरें मन को काफी विचलित कर देती हैं, जहां सरकार और प्रशासन कोरोना वायरस को निपटाने का प्रयास कर रही है वही गरीब लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इस मुश्किल घड़ी में हम सभी लोगों को एकजुट रहना होगा और इस कोरोना वायरस जैसी महामारी से मिलकर लड़ना होगा।