अमेरिका में मौत से मचा हाहाकार, ट्रंप की भारत से धमकी भरी अपील पर भारत ने दिया ट्रंप को जवाब
भारत ने कहा हमारा पहला कर्तव्य ये जानना है की हमारे खुद के लोगों के लिए पर्याप्त रुप से दवाएं हैं या नहीं
कोरोना वायरस का संकट इस वक्त सिर्फ कुछ देशों पर ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर छाया हुआ है। चीन इटली के बाद अब अमेरिका में भी कोरोना तेजी से अपने पैर पसार चुका है। अमेरिका में संक्रमण का खतरा भयावह रुप ले चुका है और अब कोरोना मरीजों के इलाज के ट्रायल के तौर पर ट्रंप ने भारत से hydroxychloroquine दवा की मांग की है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मीडिया को संबोधित हुए कहा है कि अगर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine) दवा सप्लाई करता है तो ठीक वरना हम जवाबी कार्रवाई करेंगे। बता दें की ट्रंप ने भारत से पहले भी इस दवा की मांग की थी और फिर एक बार वो अपनी मांग दोहरा रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप की भारत से अपील
I spoke to him (PM Modi), Sunday morning & I said we appreciate it that you are allowing our supply (of Hydroxychloroquine) to come out, if he doesn’t allow it to come out, that would be okay, but of course, there may be retaliation, why wouldn’t there be?: US Pres Donald Trump pic.twitter.com/kntAqATp4J
— ANI (@ANI) April 6, 2020
गौरतलब है की हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के लिए होती है और भारत इस दवा का प्रमुख निर्यातक रहा है । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से रविवार की सुबह ही इस सिलसिले में बात की थी। उन्होंने कहा की भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के सप्लाई की अनुमति दे दी है, जिसकी हम तारीफ करते हैं। अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो ये भी ठीक है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो हमारी और से भी प्रतिक्रिया होती
भारत ने दिया अमेरिकी राष्ट्रपति को जवाब
ट्रंप की दवा की सप्लाई की मांग पर भारत ने कहा है की भारत ने हमेशा से ही अतंरराष्ट्रीय समुदायों से अपने रिश्ते मजबूत रखें है। कोविड-19 जैसी महामारी को देखते हुए भारत ने ये निर्णय लिया है की पैरासिटामॉल और एचसीक्यू( HCQ) जैसी दवा जो भारत देने में सक्षम है अपने उन पड़ोसी देशों को जरुर देगा जिन्हें इसकी जरुरत है। साथ ही हम उन देशों तक भी मदद पहुंचाएंगे जो इस बीमारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ऐसे में हम किसी भी तरह से इस मामले को राजनीतिक तुल देने के समर्थन में नहीं है।
भारत ने आगे कहा कि हमने बहुत से मीडिया संस्थानों की ऐसी कोशिशें देखी हैं जिन्होंने कोविड-19 को लेकर कई अनचाहे विवाद फैलाने की कोशिश की है। किसी भी जिम्मेदार देश के तौर पर हमारा पहला कर्तव्य ये जानना है की हमारे खुद के लोगों के लिए पर्याप्त रुप से दवाएं हैं या नहीं। इसे सफल बनाने के लिए हमें अस्थायी तौर पर दवाओं के निर्यात पर रोक लगानी पड़ी थी। हमारे पास पर्याप्त दवाएं हैं इस बात की पुष्टि हो जाने के बाद हमने दवाओं के निर्यात पर लगी रोक को हटा दिया है। DGFT ने 14 ड्रग्स पर लगी पाबंदियों को कल ही हटा दिया है। पैरासिटामॉल और हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लाइसेंस्ड कटैगरी में रखा जाएगा औऱ उनकी मांग पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी।
अमेरिका में मौत से मचा हाहाकार
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा की मैंने सुबह की भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से बात की है। उन्होंने काफी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट्स बनवाई है। भारत इस पर काफी गंभीरता से काम कर रहा है। हो सकता है मैं खुद इस दवा का सेवन करुं, लेकिन इससे पहले मुझे अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करनी होगी। उन्होंने कहा की मुझे इस बात की बहुत खुशी होगी अगर भारत हमारे यहां ये दवाएं पहुंचाता है तो। हमें इसकी जरुरत है।
गौरतलब है की कोरोना जैसी महामारी से अमेरिका जैसे ताकतवर देश में भी हाहाकार मचा है। वहां पर मरने वालों की संख्या 10 हजार से ज्यादा हो चुकी है और 3 लाख से कहीं ज्यादा लोग संक्रमित हैं। वहां पर एक दिन में करीब 1200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।