सड़क दुर्घटना की वजह से अस्पताल में एडमिट हुआ मरीज़, लेकिन 40 डॉक्टर्स को होना पड़ा क्वारंटाइन
तब्लीगी जमात के शख्स ने अस्पताल को इस तरह से दिया धोखा की ज़िन्दगी बचाने वाली 40 ज़िन्दगी अब खतरे में है
कोरोना के कहर से बचने के लिए इस समय हर कोई खुद की सुरक्षा कर रहा है, लेकिन वो डॉक्टर जो खुद इन मरीजों का इलाज कर रहे हैं, इस खतरे से 24 घंटे घिरे हुए हैं। खुद को पूरी तरह से ढके रहने के बावजूद डॉक्टर्स और नर्सों पर भी कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। हाल ही में पूने के पिंपरी मेडिकल कॉलेज में एक साथ 40 सर्जन और रेजिडेंट को क्वेरेंटाइन्ड करना पड़ा क्योंकि जिस मरीज की उन्होंने कुछ समय पहले सर्जरी की थी वो कोरोना पॉजिटिव निकल गया।
डॉक्टर और स्टॉफ को किया गया क्वारेंटाइन
मरीज ने अस्पताल से अपनी ट्रैवल हिस्ट्री छिपाई थी। यानि की कोरोना के बढ़ते खतरे के समय वो कहां से कहां सफर किया था इस बात की जानकारी उसने अस्पताल को नहीं दी थी। अब उस मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है जिससे 40 सर्जन को क्वेरेंटाइन करना पड़ा है। इस बात का खुलासा बाद मे हुआ की वो दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में शामिल हुआ था।
मेडिकल कॉलेज के सिनियर ऑफिशयल ने बताया की मरीज के कोरोना पॉजिटिव होने की बात का पता चलते ही उसे पिंपरी के वाईसीएम अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। उसके साथ साथ उन 40 डॉक्टरों के गले में खराश के नमूनों को भी जांच के लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (NIV) में भेज दिया गया है। अस्पताल के एक फ्लोर पर उन सभी 40 सर्जन और रेजिडेंट डॉक्टर को अलग अलग क्वारेंटाइन किया गया है जो उस मरीज के संपर्क में आए थे।
तबलीगी जमात में शामिल हुआ था शख्स
मरीज ऑटो रिक्शा चालक है और 31 मार्च को उसे अस्पताल एक सड़क दुर्घटना के चलते लाया गया था। अंदरुनी चोट के चलते डॉक्टरों ने उसका इलाज किया। दाखिल करते वक़्त उस से पूछा गया था उस के ट्रेवल हिस्ट्री और तब्लीगी जमाअतके कनेक्शन के बारे में, लेकिन मरीज़ और उस के परिवार वाले झूठ बोल गए । दो दिन बाद जब उसे अचानक बुखार आया तो डॉक्टरों ने उसकी मां से दुबारा सवाल पूछना शुरु किया। उसकी मां ने खुलासा किया की दिल्ली में तबलीगी जमात में उनका बेटा भी शामिल हुआ था। अब उसके संपर्क में आए डॉक्टरों कों क्वारेंटाइन में रहना पड़ेगा।
अस्पताल प्रशासन ने बताया की दुर्घटना के बाद जब वो अस्पताल लाया गया था उसी वक्त हमने उससे और उसके परिवार वालों से ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में पूछा था। उस वक्त दोनों ने साफ तौर पर इस बात से इनकार कर दिया था की वो कहीं बाहर गए थे। उसकी घायल आंत को सही करने के लिए डॉक्टरों की टीम नर्स के साथ लग गई थी और उसकी जान बचाई थी।
जब मरीज को दो दिन बाद बुखार आ गया तो अस्पताल प्रशासन को शक हुआ। उन्होंने मरीज की मां से फिर से सवाल पूछा तो उसने बताया की तबलीगी जमात में बेटा भी शामिल था। हमने जब उसे गले की खराश के सैंपल को जांच के लिए भेजा तो रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। उसकी इस हिस्ट्री छिपाने के चलते करीब 40 सर्जन, डॉक्टर और लगभग 30 दूसरे कर्मचारियों जिसमें नर्स, अटैंडेंट और क्लिनिंग स्टॉफ भी शामिल है उनको भी क्वारेंटाइन करना पड़ा है। उनके सैंपल फिलहाल जांच के लिए गए हैं।
वहीं बीएमसी ने 26 नरस और 3 डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर वॉकहार्ट अस्पताल को नियंत्रण क्षेत्र घोषित कर दिया है । मुंबई सेंट्रल अस्पताल से ना कोई व्यक्ति बाहर जा सकता है और ना ही अंदर जा सकता है जब तक हर किसी की रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती।