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रुस में फंसी विंदू दारा सिंह की बेटी बोली नियम तोड़ने वालों के साथ रूस में होता है ऐसा सलुक
एक्टर विंदू दारा सिंह की पत्नी डीना इस वक्त अपने पति से दूर बेटी के साथ रुस में फंसी हुई हैं
इस समय पूरा देश लॉकडाउन की स्थिति में है और एक एक दिन इस समय के खत्म होने का इंतजार कर रहा है। लॉकडाउन में जहां कुछ लोग अपने घरों में कैद हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो घर से दूर दूसरे देश में फंस गए हैं। इस लिस्ट में विंदू दारा सिंह की बेटी और बीवी भी शामिल हैं। लॉकडाउन के चलते इस समय यात्रा के सारे साधन रोक दिए गए हैं। ऐसे में विंदू की पत्नी और उनकी बेटी रुस में फंस गए हैं। उन्होंने बताया है की रुस में लॉकडाउन को लेकर काफी सख्ती है।
पंजाब में फंसे विंदू
एक्टर विंदू सिंह की पत्नी डीना इस वक्त अपने पति से दूर बेटी के साथ रुस में फंसी हुई हैं। वहीं विंदू खुद चंडीगढ़ में फंसे हुए हैं। दरअसल विंदू किसी काम से पंजाब गए हुए थे और वहां अपने भाई के पास चंडीगढ़ में रुके हुए थे। वो पंजाब से अपना काम निपटाकर मुंबई लौटने की तैयारी में ही थे की लॉकडाउन की घोषणा हो गई। ऐसे में जो जहां था वहीं ठहर गया।
विंदू अपने परिवार से काफी समय से दूर हैं और इस पर उन्होंने अपने दिल का हाल भी बताया है। विंदू ने कहा की ये असहाय वाली स्थिति है। मेरी पत्नी अक्सर ही अपने परिवार से मिलने रुस जाती हैं और बेटी भी अपने ननिहाल जाती है। ये लोग जब हर बार की तरह इस बार रुस गए तो मैंने भी सोचा की पंजाब में अपना काम निपटा लूं।
रुस में बरती जा रही है गजब की सख्ती
आगे बताते हुए विंदू कहते हैं कि मैं यहां अपने भाई के घर पर बंद हूं तो वहीं मेरी बेटी और पत्नी रुस में फंस गए हैं। वहां पर स्थिति और भी सख्त है। वहां हर जगह पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है और घर से बाहर निकलने वालों को लेकर भी काफी सख्ती बरती जा रही है। अगर कोई वहां घर से बेवजह बाहर निकलता दिख रहा है तो उन्हें जेल भेज दिया जा रहा है। एक मिनट के लिए भी घर से बाहर निकलने पर फाइन लगाया जा रहा है। ये सब बहुत डरावना है, लेकिन हमें नियम तो मानना ही होगा।
बता दें की 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद से लोगों को इस बात का अंदाजा नहीं था की इसकी अवधि बढ़ा दी जाएगी। 24 मार्च की रात को जब पीएम मोदी ने पूरे देश को संबोधित करते हुए कहा की 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया जाएगा तो इससे लोगों में बेचैनी बढ़ गई। जो लोग घर में मौजूद थे उनके लिए तो ये तब भी आसान था, लेकिन घर के बाहर फंसे लोगों के लिए ये काफी मुश्किल दौर हो गया। हालांकि सरकार का उस वक्त ये सख्त कदम उठाना काफी जरुरी था।
बहुत से लोग अपने घर से दूर कहीं ना कहीं फंसे हुए हैं, लेकिन ये स्थिति महामारी से खराब नहीं है। गौरतलब है की लॉकडाउन के दिन खत्म होने में अब कम ही वक्त बचा है, लेकिन कोरोना संदिग्धों के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में किसी भी तरह के कयास लगाने का कोई मतलब नहीं है। अब हर किसी की नजर अब सरकार पर ही है की इस समस्या से निपटने के लिए वो और कौन से फैसले करती है।