पथराव में घायल हुई इन 2 महिला डॉक्टरों के जज्बे को सलाम, घायल होने के बाद भी काम पर लौटी
कोरोना वायरस की जंग में डॉक्टर अहम भूमिका निभा रहे हैं और अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि कोरोना वायरस के खतरे को समझ नहीं रहे हैं और सहयोग करने की जगह डॉक्टरों को परेशान कर रहे हैं। हाल ही में इंदौर में जब एक डॉक्टरों की टीम कोरोना हाई रिस्क जोन इलाके टाटपट्टी बाखल में कोरोना वायरस संदिग्ध का सैंपल लेने गई। तो वहां के लोगों ने डॉक्टरों पर पत्थर बाजी शुरू कर दी। इस पत्थर बाजी में दो महिला डॉक्टरों को चोट भी आई है और किसी तरह से ये महिला डॉक्टर अपनी जान बचाकर वहां से निकली।
इस हमले की निंदा हर किसी ने की और डॉक्टरों पर किए गए हमले में शामिल 6 लोगों को तुरंत गिरफ्तार भी कर लिया गया। वहीं इस हमले में जो दो महिला डॉक्टर घायल हुई थी वो 24 घंटे के अंदर ही फिर से अपनी ड्यूटी पर लौट आईं हैं।
क्या है पूरी घटना
प्रिय @ChouhanShivraj जी, Indore के इन जाहिलों से बड़ा देशद्रोही आज कोई नहीं है. इन्होंने न सिर्फ़ क़ानून तोड़ा है बल्कि हमारे #CoronaWarrior का हौसला भी टूटा होगा.
इन्होंने MP और पूरे देश की जान भी ख़तरे में डाली है. इन सब की जगह सिर्फ़ जेल में है pic.twitter.com/0PEowDigra
— Corona Warrior Manak Gupta (@manakgupta) April 2, 2020
इस इलाके में डॉक्टरों की एक टीम भेजी गई थी। इस टीम में डॉ. तृप्ति कटारिया भी शामिल थी। डॉक्टर तृप्ति कटारिया के अनुसार हम रैपिड रिस्पॉन्स टीम में हैं और हम लोग रोज कोरोना संक्रमित इलाकों में जा रहे हैं। मंगलवार सुबह को भी हम संक्रमण वाले इलाकों में स्क्रीनिंग करने के लिए गए थे और वहां फॉर्म भरवा रहे थे। हम लोग सबसे पहले बम्बई बाजार गए थे और इसके बाद बियाबानी इलाके में जाकर हमने लोगों की जांच की। वहीं दोपहर करीब डेढ़ बजे हम लोग सिलावटपुरा क्षेत्र के टाटपट्टी बाखल में पहुंचे और इस जगह पर स्क्रीनिंग करने लगे। सक्रीनिंग के दौरान हम लोगों से जानकारी मांग रहे थे। वहीं इसी दौरान अचानक से भीड़ आई और इस भीड़ ने हम पर हमला कर दिया।
डॉक्टर तृप्ति कटारिया के मुताबिक उनकी टीम को जानकारी मिली थी कि इस इलाके के एक घर में कोरोना वायरस का संदिग्ध है और संदिग्ध की स्क्रीनिंग करने के लिए ये वहां गए थे।।
डॉक्टर तृप्ति कटारिया ने बताया कि हमने जब घर का दरवाजा खटखटाया। तो एक महिला बाहर आई और इस महिला ने घर में मरीज ना होने की बात कही। तभी अचानक से कुछ लोगों ने हम पर हमला कर दिया और चिल्लाने लगे कि मारो-मारो। इतनी भीड़ को आता देख हम लोग जान बचाकर भागने लगे। उस समय तहसीलदार गाड़ी लेकर आए और हम उनकी गाड़ी में बैठ गए। हमारे साथ चार पुलिसकर्मी भी थे और इन्होंने हमारी मदद की। किसी तरह से हम लोग वहां से निकल पाए।
मध्य प्रदेश के इंदौर में हुई इस घटना में दो डॉक्टरों को चोट आई थी। लेकिन चोट लगने के बावजूद भी ये डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटे और इन्होंने 24 घंटे के अंदर फिर से अपना काम शुरू कर दिया है। ये दोनों डॉक्टर गुरुवार को फिर से इस इलाके में गए और इस बार इन डॉक्टरों के साथ प्रशासनिक अफसरों भी मौजूद थे। वहीं इस इलाके में रहने वाले लोगों ने इनसे माफी भी मांगी।