चाणक्य नीति: संकट की स्थिति में याद रखें चाणक्य की ये बातें, इन तीन उपायों पर करें अमल
आचार्य चाणक्य को एक लोकप्रिय शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, न्यायविद और शाही सलाहकार के रूप में जाना जाता है. आचार्य चाणक्य पाटलीपुत्र के महान विद्वान थे. इतने बड़े साम्राज्य के मंत्री होने के बाद भी वह एक साधारण सी कुटिया में रहना पसंद करते थे. साथ ही वह बेहद ही सदा जीवन जीने में यकीन रखते थे. चाणक्य ने अपने जीवन से मिले कुछ अनुभवों को एक किताब ‘चाणक्य नीति’ में जगह दिया है. चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया गया है, जिस पर अमल करने पर व्यक्ति अवश्य सफल होता है. साथ ही चाणक्य ने अपनी किताब में राष्ट्र पर आने वाले संकट से कैसे निपटा जाए इसके बारे में भी बताया है. इन दिनों कोरोना वायरस का कहर अपने चरम पर है, ऐसे में चाणक्य द्वारा बताई गयी ये बातें काम आ सकती हैं.
कैसे करें संकट का सामना
घर पर बैठें
चाणक्य के अनुसार जब संकट बहुत बड़ा हो और लोगों को उसका ठोस निवारण न मालूम हो तो इस स्थिति में व्यक्ति को घर बैठकर ही संकट को टालने की कोशिश करनी चाहिए. बाहर जाकर दूसरों को परेशान करने की बजाय, घर बैठकर ही संकट को टालने में बाकी लोगों का साथ देना चाहिए.
राष्ट्र के आदेशों का पालन
चाणक्य के अनुसार आप घर बैठकर राष्ट्र पर आये संकट को टाल सकते हैं. चाणक्य ने कहा है कि हर संकट का अपना एक अलग स्वरुप होता है. आक्रमण के समय हम जानते हैं कि हमारा शत्रु कौन है और हम उससे निपटने की रणनीति बना सकते हैं. लेकिन जब शत्रु के बारे में ही ज्यादा जानकारी न हो और वह छुपा हुआ हो या फिर आंखों से दिखता न हो तो घर में बैठकर राष्ट्र के आदेशों का पालन करना चाहिए. इसी में आपकी और दूसरों की भलाई है.
शासन और सत्ता के फैसलों का मान
शासन और सत्ता में जो जिम्मेदार लोग बैठे हैं, उनके द्वारा दिए गए निर्देशों को मानकर ही आप संकट को कम कर सकते हैं. जो व्यक्ति शासन और सत्ता को चुनौती देता है, वह स्वयं के साथ-साथ दूसरों के लिए भी खतरा मोल लेता है. इसलिए विकट की इस घड़ी में हमेशा शासन और सत्ता में बैठे लोगों की बात माननी चाहिए.
मतभेदों को दूर
संकट के समय में आपसी मतभेदों को भुला देना चाहिए. इस स्थिति में सबको एकजुट होकर राष्ट्र पर आये संकट का सामना करना चाहिए. आपकी कोशिश होनी चाहिए कि आप लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक कर सकें. ये हितकर होता है.
तीन उपायों पर करें अमल
महामारी और गंभीर रोगों को यदि आप गंभीरता से नहीं ले रहे हैं तो यकीनन आगे जाकर यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है. ये आपके अलावा समाज के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है. इसलिए तीन बेहद जरूरी उपायों स्वच्छता, सजगता और सुरक्षा को कभी नहीं भूलना चाहिए. अगर इन तीनों उपायों पर आपने अमल कर लिया तो बहुत हद तक समस्या को कम किया जा सकता है.
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