काबुल में गुरुद्वारे पर हुआ बड़ा आतंकी हमला, तस्वीरें देखकर आपका दिल पसीज जाएगा
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरूद्वारे पर बुधवार को हुए फिदायीन हमले में 25 लोगों की मौत हो गई। फिदायीन हमला सुबह 7:30 बजे हुआ जब गुरूद्वारे में सिख समुदाय के सैकड़ों लोग प्रार्थना के लिए इकट्ठा हुए थे। अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समाज पर हुए यह एक भयानक हमलों में से एक था। सिख समुदाय के लोग इस हमले को मानवता के खिलाफ अपराध करार दे रहे हैं।
अफगानिस्तान के सिखों पर यह अब तक का सबसे बड़ा हमला था। अफगानी सिखों पर यह सबसे घातक हमला भी था। सिख समुदाय के कुछ परिवारों ने अपनों को खो दिया। वे इसे मानवीयता के खिलाफ हमला कह रहे हैं। इन परिवारों के पास अब सिर्फ अपने लोगों की पुरानी यादें और अफगान सरकार से कुछ सवाल के अलावा कुछ नहीं बचा है। वे मीडिया के सामने आकर सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर हमारे लोगों का गुनाह क्या था, जो उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।
इस हमले में अपनों को खो चुके कुछ लोग हम अपनी असहनीय पीड़ा लेकर न्याय की गुहार कर रहे हैं और अपनी मौके के हालात को बयां कर रहे हैं। इस फिदायीन हमले में अपने परिवार के सात सदस्यों को खो चुके हरविंदर सिंह ने अपनी आपबीती बताई। उन्होंने कहा कि हमलावर ने सब पर जमकर गोलियां चलाईं। चाहे वो पुरूष हो, महिला हो या बच्चे हों। हरविंदर बताते हैं कि हमलावर ने किसी पर रत्ती भर भी दया नहीं दिखाई। हमलावर ने मेरी आंखों के सामने मेरी मां, मेरी पत्नी, मेरे छोटे बच्चों को आंखों के सामने गोलीयां चलाईं। उन्होंने कहा कि ये सब मैंने अपने आंखों के सामने देखा। ऐसा कहकर वो रो पड़े।
उस फिदायीन हमले में दिल दहला देने वाले पल को याद करते हुए एक और चश्मदीद अपार सिंह बताते हैं कि उस हमलावर ने मेरे सभी लोगों को मार दिया। अपार कहते हैं कि उन्होंने सभी को मार डाला, कोई भी जिंदा नहीं बचा। जिस वक्त हमला और एनकाउंटर हुआ, उस समय गुरूद्वारे में छोटे छोटे बच्चे मौजूद थे और वे वहीं फंस गए। हमले के वक्त वो वहीं फंस गए और चारों तरफ चीख पुकार मचने लगी थी। अपार सिंह बताते हैं कि जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गुरूद्वारे से बाहर निकाला तो बच्चों के चेहरे पर खौफ दिखाई दे रहा था।
इस आतंकवादी हमले में एक शख्स ने अपनी मां को गवां दिया। वह अब सवाल कर रहा है कि मेरी मां का क्या अपराध था। इसके साथ ही उसने आगे कहा कि देश में अल्पसंख्यकों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि उस शख्स के रिश्तेदार उसे ढांढस बंधाते हैं। लेकिन यह सवाल सभी के मन में है। हमारा गुनाह क्या है?, आइये और हमारे गुनाहों को बताइए। क्या हमने मुस्लमानों के खिलाफ कुछ किया है?
बता दें कि इस घातक आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस-खोरासन ने ली है। लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसी का कुछ अलग ही मानना है। भारतीय सुरक्षा एजेंसी कहता है कि असल में यह आतंकी हमला पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी ISI के मदद से हुआ है और इनकी मदद से हक्कानी ग्रुप ने इस हमले को अंजाम दिया है।