शरीर में कितने दिन रहता हैं कोरना वायरस, जाने इससे जुड़ी 8 दिलचस्प बातें
कोरोना वायरस (Corona Virus) ने दुनियाभर में डर का माहोल क्रिएट कर दिया हैं. इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन हो चूका हैं. भारत भी अब इस लिस्ट में शामिल हैं और उसने 21 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन रखा हैं. कोरना को लेकर कई लोगो में डर भरा गया हैं. ऐसे में आज हम इस कोरोना वायरस से जुड़ी 8 बातें आपको बताने जा रहे हैं. इन्हें जानने के बाद और थोड़ी सतर्कता बरतने के बाद आप खुद को कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बचा सकेंगे.
1. कोरना वायरस के बारे में ये बात अच्छे से जान ले कि ये हाइली कॉन्टेजियस होता हैं. अर्थात ये किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बड़ी तेजी से फैलता हैं. आलम ये होता हैं कि जब व्यक्ति के अंदर इसके लक्षण नहीं दिखते हैं तभी से पीड़ित व्यक्ति इसे फैलाना शुरू कर देता हैं. इसलिए दूसरों से दूरी बनाने में ही लाभ हैं.
2. Covid-19 नामक ये वायरस जब शरीर में घुस जाता हैं तो 2 से 14 दिनों के अंदर ही इसके लक्षण देखने को मिलते हैं. कई मामलो में ये देखा गया हैं कि व्यक्ति को शुरूआती 8 से 10 दिनों में इसके शरीर में होने का पता ही नहीं चलता हैं. ये वायरस इसी शुरुआती 8 से 10 दिनों तक कॉन्टेजियस रहता है. इसके बाद पीड़ित व्यक्ति द्वारा इंफेक्शन होने के चांस करीब करीब समाप्त हो जाते हैं.
3. कोरना वायरस से पीड़ित व्यक्ति 22 से 24 दिनों तक इसे फैलाने की क्षमता रखता हैं. इसके बाद उनके द्वारा इसे फैलाने के चांस बहुत ही कम होते हैं.
4. एक स्टडी की माने तो कोरोना वायरस एक इंसानी शरीर में सिर्फ 22 दिन तक ही जीवित रह सकता हैं. हालाँकि कुछ दुर्लभ मामलों में यह अवधि 37 दिन की पाई गई हैं.
5. आप ने नोटिस किया होगा कि कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को 14 दिन के एकांतवास की सलाह दी जाती हैं. इसकी वजह ये हैं कि इसके लक्षण दिखने में 6 दिन लगते हैं जबकि अगले 8 दिनों तक व्यक्ति इस वायरस को खतरनाक रूप से फैला सकता हैं. यही वजह हैं कि 6+8=14 दिन के क्वारंटाइन की सलाह दी जाती हैं.
6. जब भी शरीर में कोई वायरस घुसता हैं तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम अपने स्तर पर उस वायरस को मारने की कोशिश करने लगता हैं. हालाँकि ऐसा करने के लिए शरीर को 6 से 12 दिन का समय चाहिए होता हैं. इसी दौरान वो वायरस के खिलाफ ऐंटिबॉडीज बनाना स्टार्ट कर देता हैं. ये ऐंटिबॉडीज के कारण संक्रमित व्यक्ति दूसरों में संक्रमण ना के बराबर फैलाता हैं.
7. जिस व्यक्ति को इस वायरस से इन्फेक्शन हुआ हैं वो यदि एक बार रिकवर हो जाए तो दोबारा इससे इन्फेक्ट होने के चांस बहुत ही कम होते हैं. चीन में इसके गिने चुने मामले ही सामने आए हैं. एस तरह के दोबारा संक्रमित होने वाले केस की दर टोटल नंबर का 0.2 पर्सेंट ही होता हैं.
8. 95 प्रतिशत पॉजिटिव मामलो में ये पाया गया कि संक्रमण -2 डिग्री से लेकर 10 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच बहुत तेजी से फैलता हैं. इसलिए ठंडी जगहों में इसके संक्रमण के चांस और भी बढ़ जाते हैं. इसलिए उम्मीद जताई जा रही हैं कि गर्मी का मौसम तेज़ होने पर इस वायरस के फैलने की गति धीमी पड़ सकती हैं.