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कोरोना वायरस के चलते जेल प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला, तिहाड़ जेल से रिहा होंगे 3 हजार कैदी

इन दिनों कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है. चीन से शुरू हुआ ये काफिला धीरे-धीरे पूरी दुनिया में अपने पैर पसार चुका है. चीन के अलावा कई देशों में इस वायरस का कहर देखने को मिला है. भारत में भी इसके कई मामले देखने को मिले हैं. भारत में अब तक इसके 400  से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 9 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके बावजूद लोग कोविड 19 से डरने की बजाय इससे बेख़ौफ़ होकर लड़ रहे हैं. इसी बीच लोग इस बात पर भी चर्चा कर रहे हैं कि कैसे इस वायरस से खुद को बचाया जा सके.

तिहाड़ जेल प्रशासन का फैसला

ऐसे में कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. जेल प्रशासन ने फैसला लिया है संक्रमण का खतरा बढ़ने से रोकने के लिए वे तकरीबन 3 हजार कैदियों को रिहा करेंगे. सोमवार को जेल अधिकारी ने बातचीत में बताया कि जेल प्रशासन लगभग 3 हजार कैदियों को रिहा करने की योजना बना रहा है. जेल में कैदियों की संख्या बहुत अधिक है और कोरोना वायरस की गंभीरता को समझते हुए ये फैसला लिया गया है. ये फैसला इसलिए लिया गया है ताकि जेल में भीड़-भाड़ को थोड़ा कम किया जा सके, जिससे वायरस के संक्रमण के बढ़ने का खतरा कम हो.

छोटे-मोटे अपराधी होंगे रिहा

संदीप गोयल तिहाड़ जेल के महानिदेशक हैं. संदीप ने बताया कि अगले तीन से चार दिनों में लगभग 1500 कैदियों को पैरोल या फरलो पर रिहा करने की कोशिश रहेगी. साथ ही कोशिश रहेगी कि इतने ही विचारधीन कैदियों को भी रिहा किया जा सके, ताकि जेल में भीड़-भाड़ थोड़ी कम हो जाए. महानिदेशक संदीप गोयल के मुताबिक, वह केवल उन्हीं कैदियों को रिहा करेंगे जो छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल में बंद हैं. इसमें खतरनाक अपराधी शामिल नहीं होंगे. गोयल ने बताया कि जिन कैदियों को 7 वर्ष तक की सजा हुई है, उन्हें पैरोल पर रिहाई दी जा सकती है.

कई शहरों को किया गया है लॉक डाउन

बता दें, कोरोना वायरस के बढ़ते कहर को देखते हुए सरकार ने कई बड़े शहरों को लॉक डाउन कर दिया है. साथ ही लोगों को सलाह दी जा रही है कि वह कम से कम ही सड़कों पर निकलें. वह घर से बाहर तब ही निकलें, जब काम बहुत जरूरी हो. सरकार ने कुछ दिनों तक लोगों को अपने-अपने घरों में रहने की सलाह दी है. इसी को देखते हुए मोदी सरकार ने बीते 22 मार्च को जनता कर्फ्यू रखा था. साथ ही थाली, शंख, घंटी बजाकर उन लोगों का शुक्रिया अदा करने को कहा था, जो अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे हैं या उनकी सेवा में जुटे हैं.

कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में सरकार इस स्थिति से उबरने के लिए पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन लोगों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें और अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए सहयोग करें.

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