25 मार्च से शुरू होंगे नवरात्रि और हिंदू नववर्ष 2077,जानिये कुछ ख़ास बातें जो है बेहद महत्वपूर्ण
25 मार्च से नया हिंदू वर्ष और चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू वर्ष शुरू हो जाता है और 25 मार्च से 2077 हिंदू वर्ष आरंभ होने वाला है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ही नवरात्रि भी शुरू हो जाते हैं। हिंदू धर्म में नव संवत्सर को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि चैत्र प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी।
इस तरह से तैयार किया गया था हिंदू नव वर्ष
हिंदू पंचांग को ग्रहों, नक्षत्रों, चांद, सूरज आदि की गति के अध्ययन के आधार पर बनाया गया है और पंचांग के हर वर्ष में 6 ऋतुएं और 12 महीनें होते है। जो कि एक साल बनाते हैं। हिंदू नववर्ष में कुल 12 महीने हैं और इन महीनों के नाम सूर्य, चंद्र, ग्रह और नक्षत्रों के आधार पर रखे गए हैं। उदाहरण के लिए चित्रा नक्षत्र के आधार पर चैत्र मास, विशाखा के आधार पर बैसाख मास, ज्येष्ठा के आधार पर ज्येष्ठ मास,, उत्तराषाढ़ा पर आषाढ़ मा,, श्रवण के आधार पर श्रावण मास और इत्यादि आदि।
2020 हिंदू पंचांग मास कब से कब तक
पौष – 13 दिसंबर 2019 से 10 जनवरी 2020
माघ – 11 जनवरी से 9 फरवरी 2020
फाल्गुन – 10 फरवरी से 09 मार्च 2020
चैत्र – 10 मार्च से 08 अप्रैल 2020
वैशाख – 08 अप्रैल से 07 मई 2020
ज्येष्ठ – 08 मई से 05 जून 2020
आषाढ़ – 06 जून से 03 जुलाई 2020
श्रावण – 06 जुलाई से 03 अगस्त 2020
भाद्रपद – 04 अगस्त से 02 सितंबर 2020
आश्विन – 03 सितंबर से 31 अक्तूबर 2020
अधिक आश्विन – 18 सितंबर से 16 अक्तूबर 2020
कार्तिक – 01 नवंबर से 30 नवंबर 2020
मार्गशीर्ष – 01 दिसंबर से 30 दिसंबर 2020
पौष – 31 दिसंबर 2020 से 28 जनवरी 2021
हजारों साल पूराना है हिंदू पंचांग
हिंदू पंचांग हजारों साल पूराना है और हिंदू पंचांग को एकदम सटीक और सही माना जाता है। बेशक ही हिंदू पंचांग में तिथि घटे या बढ़े। लेकिन सूर्यग्रहण सदा अमावस्या को होता है और चंद्रग्रहण पूर्णिमा को ही होता है। वैदिक परंपर में 12 महीनों और 6 ऋतुओं के चक्र यानी पूरे वर्ष की अवधि को संवत्सर नाम दिया गया।
चैत्र मास है बेहद ही खास
चैत्र मास को हिंदू धर्म में खास मास माना गया है। क्योंकि इस मास में ही बह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। ब्रह्मपुराण के अनुसार चैत्र प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना शुरू की थी और य़े दुनिया अस्तित्व में आई थी।
आता है नवरात्रि का पर्व
चैत्र प्रतिपदा को ही चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाते हैं। चैत्र नवरात्रि के दौरान नौ दिन शक्ति के रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि की पूजा करने से मां दुर्गा की कृपा बन जाती है और जो कार्य करते हैं उसमें सफलता मिलती है। चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन घर में चौकी की स्थापना की जाती है और कलश रखा जाता है। नौ दिनों तक मां की आराधना करने के बाद आष्टमी या नवमी के दिन कन्या का पूजा किया जाता है। कन्या का पूजा करने के साथ ही नवरात्रि संपन्न हो जाते हैं। कई लोग नवरात्रि के नौ दिन घर में दुर्गा का पाठ भी बैठाते हैं और दुर्गा की पूजा पंडितों से करवाते हैं। वहीं नवमी के दिन घर में हवन किया करते हैं।