बच्चे को दूध पिलाने के बाद डकार दिलाना है बेहद ज़रूरी, जाने कैसे करें यह काम
डकार लेना वैसे तो एक बहुत आम चीज हैं लेकिन जब बात नवजात शिशुओं की आती हैं तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए. कहते हैं जब भी शिशुओं को स्तनपान कराए या कोई आहार दे तो उसे डकार जरूर दिलाए. इससे आप सुनिश्चित हो जाते हैं कि बच्चे ने पेटभर कर खाया हैं. हालाँकि बहुत सी महिलाओं को बच्चों को डकार दिलाने का सही तरीका नहीं मालूम होता हैं. वैसे कुछ विशेषज्ञ ये भी दावा करते हैं कि बच्चे को डकार दिलाना इतना भी जरूरी नहीं होता हैं. हालाँकि यदि आप बच्चे को डकार दिला रही हैं तो आपको इसका सही तरीका पता होना चाहिए. इसलिए आज हम आपको बच्चों की डकार से संबंधित कुछ जरूरी जानकारियाँ देने जा रहे हैं.
क्या होती हैं डकार?
डकार असल में ग्रासनली से निकले गैस के बुलबुले होते हैं. हालाँकि कभी कभी शिशुओं के द्वारा खाया पिया पदार्थ भी डकार के रूप में बाहर आ जाता हैं. हम इसे गीली डकार कहते हैं. यदि आप बच्चों को डकार ना दिलाए तो उनके पेट में खलबली मच सकती हैं.
क्यों जरूरी हैं बच्चों को डकार दिलाना?
शिशु जब माँ का दूध या फॉर्मूला मिल्क पिता हैं तो उस वक़्त उसके मुंह में हवा के बुलबुले भी चले जाते हैं. ये बुलबुले बच्चे के पेट में अटक जाते हैं जिसके चलते उसे पेट दर्द या बेचैनी होने लगती हैं. इसलिए जब आप बच्चे को डकार दिलाते हैं तो उसके पेट में मौजूद ये गैस बाहर निकल जाती हैं. इससे बच्चा रिलैक्स महसूस करता है और दोबारा स्तनपान को रेडी रहता हैं.
कब दिलाए डकार?
आमतौर पर जब आपका बच्चा स्तनपान करे या दूध पिए तो उसे डकार दिला देना चाहिए. इसके अलावा यदि बच्चा ज्यादा बेचैनी महसूस करने लगे तो भी डकार दिलाई जा सकती हैं. बच्चे के पेट में आवाज़ आने पर या दूध पिने के दौरान उसके अचानक रोने, हाथ पैर मारने इत्यादि समय में भी डकार दिलाना सही आदत होती हैं. बच्चे के पेट में यदि गैस बन जाए तब भी डकार अवश्य दिलाए. इससे वो अच्छा महसूस करेगा.
बच्चों को डकार दिलाने का सही तरिका
पहली बार माँ बनी महिलाओं को बच्चों को डकार दिलाना थोड़ा कठिन काम लग सकता हैं लेकिन कुछ आसान तरीकों से आप इसे अच्छे से कर सकते हैं.
छाती और कंधे पर: आप कहीं सीधा बैठ जाए और बच्चे को अपनी छाती या कंधे पर टिका दे. अब एक हाथ से बच्चे के कंधे और सिर को सहारा दे और दुसरे हाथ से उसकी पीठ को सहलाए. बच्चे की पीठ रगड़ने से उसके पेट में मौजूद गैस बाहर आएगी और वो डकार ले लेगा.
गोद में सुलाकर: पहले बच्चे को अपनी गोद में लेटा दे. अब उसकी छाती को हथेली से सहारा दे. इसके बाद उंगली की सहायता से उसकी ठोड़ी और जबड़ा पकड़े. अब बॉडी को थोड़ा सा मोड़े और पीठ रगड़ना शुरू करे. बच्चे को डकार आ जाएगी.
घुटनों पर: ये डकार दिलाने का सबसे आसान तरीका हैं. इसमें आपको बच्चे को अपने घुटने पर बैठाकर उसके चेहरे को घुटने की तरफ झुकाना होता हैं. इसके बाद पीठ पर रगड़ते ही बच्चा डकार ले लेता हैं.