सारी संपत्ति हड़पकर बहू-बेटे ने कर दिया बेघर, वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हुआ ये करोड़पति आदमी
आज के दौर में पैसा इतना ऊपर हो गया है कि इंसान अपने खास रिश्तों को भी भूलते जा रहे हैं। यहां तक जन्म देने वाले मां-बाप से बढ़कर पैसा हो गया है और बच्चे उन्हें भूलकर या उनकी संपत्ति धोखे से अपने नाम करके बूढ़े माता-पिता को घर से निकाल देते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के फेमस शहर कानपुर में जब एक बेटे ने अपने पिता की करोड़ो की संपत्ति हड़पकर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। फिर बूढ़े पिता मजबूरी में वृद्धाश्रम में रहना पड़ा। चलिए बताते हैं क्या है पूरा मामला?
बेटे ने पिता से संपत्ति छिनकर किया बेघर
यूपी के कानपुनर निवासी प्रेमनाथ रायजादा जिनकी उम्र 84 साल है वे ग्वालियर के एक वृद्धाश्रम में रहते हैं। इस बीच उनकी तबियत काफी खराब हो गई है और उन्हे जय आरोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस अस्पताल में उनके साथ कोई भी नहीं है जबकि कानपुर के गोविंदपुरी में उनका पूरा परिवार रहता है। वे करोड़ों की संपत्ति के मालिक थे लेकिन उन्होंने जब अपनी सारी संपत्ति बेटे के धोखे से उसके नाम कर दी तो बेटे ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर उन्हें घर से निकाल दिया। ऐसे में वे लावारिसों की तरह जिंदगी जीने पर मजबूर हो गए हैं। वे तीन महीने पहले ही ग्वालियर आए और उस समय प्रेमनाथ रायजादा का कोई ठिकाना नहीं था।
किसी तरह वे ग्वालियर के लक्ष्मीगंज में स्थित वृद्धाश्रम पहुंचे। उनको परिवार वालों ने मथुरा छोड़ा था और फिर वे उन्हें वापस लेने नहीं आए और किसी तरह के ग्वालियर पहुंच गए। रायजादा की कानपुर में टॉकीज और दुकाने थीं, इसके अलावा उनका ट्रांसपोर्ट का बड़ा बिजनेस था। उनके बेटे ने पूरी संपत्ति अपने नाम कर के दुकाने, टॉकीज और ट्रांसपोर्ट का काम बर्बाद कर दिया। फिर उन पैसों से अपना काम शुरु किया। बुजुर्गों की सेवा करने वाले कुछ लोग प्रेमनाथ के संपर्क में आए तो सारी जानकारी सामने आई। कुछ दिन पहले ही वे बीमार हुए और चेकअप के लिए उन्हें जेएएच ले जाया गया जहां डॉक्टर्स ने उन्हें भर्ती कर लिया।
डॉक्टर्स के मुताबिक, अस्पताल में प्रेमनाथ की हालत ठीक नहीं है। वे अपने परिवार को याद करते रहते हैं और उन्होंने अब पुलिस से भी शिकायत कर दी है। पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन को लिखित रूप में शिकायत दर्ज कराई गई है और बेटे पर आरोप है कि उसने बहू के साथ मिलकर सारी संपत्ति हड़प ली है। बहू बहुत परेशान करती थी और मारपीट भी करती थी और फिर एक दिन घर से बेघर भी कर दिया।
प्रेमनाथ का ख्याल रखने वाले लोगों ने उनके बेटे को फोन किया तो उसका कहना था कि उसके पास ग्वालियर आने के लिए पैसे नहीं है। इसके बाद बेटे के बैंक खाते में भी 500 रुपये डलवाए गए लेकिन वो नहीं आया। प्रेमनाथ का बेटा पिछले 5 दनों से आने के लिए टालमटोल करता नजर आया। प्रेमनाथ ने पुलिस को आवेदन देते हुए कहा है कि पुलिस परिवार को बुलाए और इसके साथ ही उन्हें अपने साथ लेकर जाएं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि प्रशासन उनकी पूरी मदद करेगी लेकिन देखना ये है कि उनका बेटा वहां पिता को लेने आता है या नहीं।