आखिर ऐसा क्या हुआ कि मात्र 7 दिन में देश का 6वां सबसे बड़ा बैंक बन गया यस बैंक? ये है असली वजह
होली के कुछ दिन पहले Yes Bank में अकाउंट धारकों को बहुत बड़ा झटका लगा था। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यस बैंक से पैसे निकालने पर पाबंदी लगा दी थी और अगर बहुत जरूरी हो तो सिर्फ 50 हजार रुपये निकालने की अनुमति मिली। इसके बाद तमाम लोग बहुत परेशान हो गए और लोगों को लगा कि यस बैंक अब डूबने की कगार पर आ गया है और असल में ये चिंता का विषय था लेकिन डूबने की कगार पर Yes Bank कम दिनों में 6वां सबसे बड़ा बैंक कैसे बन गया? क्या इसके पीछे कोई खास वजह है, आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे।
कैसे बना Yes Bank 6वां बड़ा बैंक?
मार्च महीने की शुरुआत में ही प्राइवेट बैंक यस बैंक की हालत काफी नाजुक हो गई थी। बैंक, पैसों की भारी तंगी से जूझ रहा था और इन्हीं बातों का ख्याल रखते हुए 6 मार्च को RBI ने बैंक पर कड़ी कार्यवाही करते हुए इसपर कई तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद शेयर में काफी गिरावट आई और बैंक की मार्केट कैप गिरकर 1414 करोड़ रुपये पर आई। लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, दो कारोबारी सत्र में बैंक की मार्केट कैप बढ़कर 74, 550 करोड़ रुपये तक पहुंच गई और ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये हुआ कैसे? रातोंरात यस बैंक देश का 6वां सबसे बड़ा देश कैसे बन गया।
यस बैंक को बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने उन्हें प्रस्ताव दिया कि वो LIC के साथ मिलकर 55.56 फीसदी हिस्सेदारी रखे और इस हिस्सेदारी में SBI 45.74 फीसदी और LIC की 9.81 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इसके अलावा HDFB Bank और ICICI बैंक भी 6.30 फीसदी, Axis बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी 3.15 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदेंगे। इसके बाद इस समय यस बैंक में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) की 8.06 फीसदी की हिस्सेदारी हो गई है और इसके साथ ही अब इस प्रस्ताव को रखने के बाद यस बैंक में एलआईसी की कुल हिस्सेदारी 17.87 फीसदी बढ़ जाएगी।
इस विषय में एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार और RBI ने मिलकर Yes Bank को वापस पटरी पर लाने के लिए तेजी से कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही प्राइवेट बैंकों की ओर से किए जाने वाले अपने निवास डिपॉजिटर्स और निवेशकों में भरोसा लौटाने का काम शुरु हो गया है। इसलिए शेयर में तेजी आई और मार्केट कैप बढ़कर 74,550 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। रिजर्व बैंक ने 5 मार्च को यस बैंक को टेक ओवर करके अपने हिसाब से चलाने की बात कही थी।
इसके बाद यस बैंक के खाताधारकों के लिए अधिकतम 50 हजार रुपये की निकासी सहित कुछ बैंकिंग सेवाओं पर रोक लगाई गई। ये रोक 18 मार्च को खत्म हो गई। अब धीरे-धीरे यस बैंक के हालात सुधर रहे हैं और कुछ समय बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी। इसके अलावा, कर्ज में डूबे यस बैंक को रेटिंग एजेंसी मूडीज की ओर से इसकी रेटिंग को पॉजिटिव किया गया है। रेटिंग एजेंसी ने ऐसा आरबीआई की पुनर्गठन योजना के तहत पूंजी स्थिति में तेजी के साथ सुधार को देखते हुए किया है।