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३५०० किलो की झूमर, चांदी की ट्रैन से परोसा जाता है खाना, देखें सिंधिया के शाही महल का नजारा

10 मार्च यानी होली के दिन जहां पूरा देश अलग-अलग रंगों में डूबा हुआ था वहीं कांग्रेस पार्टी के सभी नेताओं के रंग उड़े थे। वजह थी कांग्रेस के दमदार नेता ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस से इस्तिफा दे दिया और दो दिन बाद ही बीजेपी में जाकर शामिल हो गए। अब ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस में ऐसा कोई नेता नहीं बचा है जो इस पार्टी का खास चेहरा बन सके। मगर कांग्रेस को छोड़ बीजेपी के नये राज्यसभा उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया एक रजवा़ड़े खानदान से हैं और सिंधिया घराने का महल जय विलास पैलेस काफी प्रचलित है। आज हम आपको इसी महल की खासियतों के बारे में बताएंगे।

बहुत ही खास है सिंधिया घराने का महल

12, 40, 771 वर्ग फीट में फैले सिंधिया घराने का महल जय विलास पैलेस की भव्यता को देखने वालों की आंखे चौंधिया जाती हैं। ये महल अपनी कई नक्काशियों के लिए देश-विदेश में काफी पॉपुलर है। जय विलास पैलेस का निर्माण महाराजा जयाजी राव सिंधिया ने साल 1874 में कराया था। उस वक्त इस महल की कीमत 200 मिलियन डॉलर थी जबकि वर्तमान में सिंधिया घराने का ये महल म्यूजियम बन चुका है और म्यूजियम की ट्रस्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी सिंधिया हैं। इसी म्यूजियम के एक हिस्से में ज्योतिरादित्य सिंधिया का परिवार रहता है। इस संग्रहालय का निर्माण राजमाता विजयाराजे सिंधिया के कहने पर किया गया था। तो चलिए बताते हैं इस महल से जुड़ी और भी खास बातें…

1. 40 कमरों में बने इस भव्य म्यूजियम में सिंधिया काल के अस्त्र-शस्त्र, डोली, बग्घी और कांच के पायों पर टिकी सीढ़ियों की रेलिंग प्रदर्शित है।

2. सिंधिया महल में सात-सात टन के वजन वाले बेल्जियम के दो झूमर लगाए गए हैं जो दुनिया के सबसे वजनी झूमरों में एक बताया जाता है। इस विशाल झूमर का वजन 3500 किलो है।

3. इस वजन वाले झूमर को लगवाने से पहले यूरोपियन आर्किटेक्ट माइकल फिलोसे ने महल की छत पर हाथियों को चढ़ाकर देखा था जब छत ने हाथियों का वजन सह लिया तब जाकर झूमरों को लगवाया गया।

4. इस म्यूजियम में आपको महाराजों के जीवन परिचय, उनका दरबार, राजशाही कुर्सियां सहित विदेशों से निर्मित कई प्राचीन चीजें देखने को मिल जाएंगी।

5. जय विलास पैलेस का क्षेत्रफल 12, 40, 771 वर्ग मीटर बताया जाता है जिसमें लगभग 400 कमरे हैं।

6. सिंधिया महल के डाइनिंग हॉल में डाइनिंग टेबल पर चांदी की ट्रेन लगी है और इस ट्रेन की मदद से ही मेहमानों को खाना परोसा जाता है। इसके साथ ही यहां के रसोईघर में चांदी के कई तरह के बर्तन भी मौजूद हैं।

7. इस म्यूजियम में घूमने के लिए भारतीय नागरिक को 150 रुपये प्रति व्यक्ति का टिकट लेना होता है जबकि विदेशी नागरिकों के लिए यहां का टिकट 800 रुपये में मिलता है।

8. महल में कैमरा और मोबाइल ले जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए अलग से शुल्क देना होगा। ये म्यूजियम सुबह 10 बजे खुलता है और शाम साढ़े 4 बजे बंद कर दिया जाता है। इसी दौरान बहुत से पर्यटक इस महल को देखने आते हैं।

आपको बता दें कि सिंधिया हाल ही में बीजेपी में शामिल हो गए हैं। सिंधिया ने बीजेपी में शामिल होने के बाद मीडिया से कहा था कि, मेरे जीवन में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण हैं। एक 30 सितंबर 2001 जब मैंने अपने पिता (माधव राव सिंधिया) को खोया। और दूसरा 10 मार्च 2020 जब मेरे जीवन का नया दौर शुरू हुआ है। बता दें की इसी दिन वो बीजेपी में शामिल हुए थे।

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