27 साल की लड़की ने पढ़ाई के साथ किया ऐसा काम की 2 साल में कमा लिए 1 करोड़ रुपये
शिल्पी सिन्हा उन लड़कियों के लिए एक मिसाल हैं जो कि अपने पैरों पर खड़े होने का सपना देखती हैं। शिल्पी सिन्हा ने अपनी मेहनत के दम पर आज अपनी खुद की एक कंपनी खड़ी की है जो कि गाय का कच्चा दूध बेचने का काम करती है। शिल्पी की इस कंपनी का नाम द मिल्क इंडिया है और इस कंपनी को शिल्पी ने साल 2018 में शुरू किया था। महज दो साल के अंदर शिल्पी की इस कंपनी ने एक करोड़ रुपए का टर्नओवर कमा लिया है।
शिल्पी सिन्हा साल 2012 में झारखंड के डाल्टनगंज से बेंगलुरू पढ़ने के लिए आईं और उस दौरान शिल्पी को गाय का शुद्ध दूध नहीं मिल पा रहा था। जिसके बाद शिल्पी ने गाय का शुद्ध दूध बेचने का व्यापार शुरु करने का फैसला लिया। फिर क्या था अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद शिल्पी ने बिना कोई देरी किए गाय के शुद्ध दूध बेचने का व्यापार शुरू कर दिया। शिल्पी के अनुसार वो कंपनी की इकलौती फाउंडर थी।
डेयरी के क्षेत्र में काम कैसे किया जाता है इसके बारे में उनको अंदाजा भी नहीं था। साथ में ही शिल्पी को न कन्नड़ आती थी और न तमिल। लेकिन फिर भी शिल्पी ने हार नहीं मानी। शिल्पी ने खुद किसानों के पास जाकर ये जानकारी हासिल की कि कैसे गाय की देखभाल की जाती है। शिल्पी के अनुसार बिजनेस शुरू करने के दौरान उन्हें दूध की सप्लाई के लिए कर्मचारी नहीं मिलते थे। इसलिए वो खुद ही ये सब करती थी। शिल्पी सुबह तीन बजे उठ जाती थी और खेतों में जाती थी। वहीं अपनी सुरक्षा के लिए शिल्पी अपने पास चाकू और मिर्ची स्प्रे हमेशा रखती थी। वहीं जैसे ही शिल्पी के ग्राहकों की संख्या 500 तक पहुंची, तो शिल्पी ने 11 हजार रुपए की शुरुआती फंडिंग से द मिल्क इंडिया कंपनी शुरू कर दी। इस कंपनी को शिल्पी ने 6 जनवरी 2018 में शुरू किया था और पहले दो साल में ही टर्नओवर एक करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया।
शिल्पी ने अपनी कंपनी की खासियत बताते हुए कहा कि उनकी कंपनी छोटे बच्चों के लिए गाय का शुद्ध बेचा करती है। क्योंकि ये दूध पीने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती हैं। शिल्पी की कंपनी 62 रुपए प्रति लीटर में गाय का शुद्ध कच्चा दूध बेचती है। शिल्पी के मुताबिक गाय का कच्चा दूध पीने से बच्चों की हड्डियां को कैल्शियम मिल पाता है। शिल्पी की कंपनी सिर्फ एक से नौ साल तक के बच्चों को ही ये दूध दिया करती है। वहीं जिन बच्चों की आयु एक साल से कम होती है उन्हें ये दूध डिलीवरी नहीं किया जाता है।
शिल्पी के अनुसार किसी भी ऑर्डर को लेने से पहले वो मां से उसके बच्चे की उम्र पूछती हैं। अगर बच्चा एक साल से कम का है, तो डिलीवरी नहीं दी जाती है। क्योंकि एक साल से कम आयु के बच्चों के लिए गाय का कच्चा दूध सही नहीं माना जाता है। शिल्पा के मुताबिक एक बार उन्होंने देखा कि किसान गायों को चारे में फसल देने की जगह रेस्टोंरेंट से मिलने वाला कचरा खिला रहे हैं। जिसकी वजह से गाय का दूध शुद्ध नहीं होता है और एक साल से कम आयु के बच्चों के लिए ये दूध सही नहीं है। हालांकि शिल्पी के मुताबिक उन्होंने किसानों को समझाया कि कैसे ये दूध बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। जहां से शिल्पी दूध लेती हैं वहां की गायों को मक्का खिलाया जाता है। शिल्पी की आयु महज 27 साल है और इतनी छोटी आयु मेंं इन्होंने काफी कुछ हासिल कर लिया है।