जैकी श्रॉफ ने बेटे का नाम टाइगर क्यों रखा,पहली बार खुला ये राज़, बोले-बचपन में वो ..
बॉलीवुड में स्टारकिड का बोलबाला है और इनमें सफल एक्टर्स में शामिल हैं जैकी श्रॉफ के बेटे टाइगर श्रॉफ, जो कई सुपरहिट फिल्में दे चुके हैं। टाइगर से अक्सर उनके इस नाम के बारे में पूछा जाता है कि उनका नाम ऐसा क्यों है। इसका जवाब टाइगर तो नहीं दे पाते लेकिन उनके पिता जैकी श्रॉफ ने बेटे के नाम से पर्दा उठा दिया है। जैकी दादा ने एक इंटरव्यू में खुलकर सारी बातें बताईं, और ये भी शेयर किया कि उन्होंने बेटे का नाम ऐसा क्यों रखा है।
जैकी ने उठाया टाइगर के नाम से पर्दा
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म बाग़ी-3 बॉक्स-ऑफिस पर अच्छी शुरुआत कर चुकी है। फिल्म में श्रद्धा कपूर, रितेश देशमुख और टाइगर श्रॉफ के अलावा जैकी श्रॉफ भी अहम किरदार निभाते नजर आए। ये पहली ऐसी फिल्म है जिसमें जैकी दादा ने अपने बेटे टाइगर के साथ काम किया। इसी सिलसिले में जैकी श्रॉफ ने एक इंटरव्यू में कुछ खास बातचीत की।
उन्होंने बताया, ‘पहली बार बेटे टाइगर के साथ स्क्रीन शेयर किया है। बेशक, बहुत खुशी हुई। जिंदगी में कुछ अच्छी चीजें होती हैं और बच्चे के साथ पर्दे पर दिखाई दिया तो बहुत ज्यादा अच्छा लगा। मेरे जाने के बाद ये भी यादें रह जाएंगी। टाइगर को काम करते हुए 6-7 साल हो गए हैं और उसके साथ काम करने के लिए बहुत सी स्क्रीप्ट आईं। अब जाकर मेरी तमन्ना पूरी हुई है। मैंने उनके साथ काम किया जिन्होंने मेरे बच्चे को इंडस्ट्री में लॉन्च किया।’ उन्होंने इसी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘मेरे बच्चे को इंडस्ट्री में साजिद भाई ने जन्म दिया। उनके प्रोडक्शन में मौका मिलना ब्लेसिंग रहा है। फिल्म में भले ही मेरा छोटा सा किरदार रहा हो लेकिन मेरे लिए इतना ही काफी है।’
जैकी दादा ने आगे कहा, ‘टाइगर श्रॉफ का नाम टाइगर रखने के पीछे एक दिलचस्प किस्सा है। टाइगर जब छोटा था तब उसने अपने नाखून से मेरा चेहरा नोच लिया था। मेरी आंखों को वो खाने की कोशिश कर रहा था जब वो आंखें देखता था तो उसे लगता था कि ये खाने की चीज है। इसलिए वो उसे खाने के लिए झपटता था। तब वो एक या दो साल का रहा होगा।
उसकी यही बातें देखकर मैंने सोचा इसका नाम टाइगर रखना सही रहेगा क्योंकि वो काटता है।’ टाइगर को पहली बार गोद में लेने के अनुभव पर जैकी दादा ने कहा, ‘पहली बार उसको गोद में उठाया तो मैं अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर पाया था। ये तो एक बाप ही महसूस कर सकता है। उसके साथ की मेरे पास एक तस्वीर है जिसमें वो शांत सा मेरे सीने पर लेटकर सोया है। तस्वीर में हम दो लोग हैं लेकिन हमारी सांसें एक हैं। टाइगर बचपन से ही शांत स्वभाव का रहा है और दिनभर अपने में ही उलझा रहता था। चुप रहता था और पता नहीं क्या सोचता था। आज भी ज्यादा नहीं बोलता बस काम करता रहता है। बोलता है, पापा बोलकर क्या करूंगा, काम करके दिखाऊं तो अच्छा है।’