चचेरे भाई ने किया खुलासा राहुल गांधी से मिलना चाहते थे ज्योतिरादित्य सिंधिया, लेकिन राहुल…
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के नेता प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने एक खुलासा किया है और कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया लंबे समय से कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलना चाहते थे। लेकिन राहुल उनसे मिलने में सक्षम नहीं थे। जिसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को ये कदम उठाना पड़ा। नेता प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा को सिंधिया परिवार का करीबी माना जाता हैं और ये त्रिपुरा कांग्रेस के प्रमुख रहे चुके हैं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कल कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया है और आने वाले दिनों में ये बीजेपी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के दिए गए इस्तीफे पर त्रिपुरा कांग्रेस के प्रमुख रहे प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा का ये बयान आया है और अपने बयान में इन्होंने कहा है कि ”मुझे पता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया महीनों से राहुल गांधी से मिलने की कोशिश कर रहे थे। मगर राहुल से मिलने के लिए उन्हें अप्वाइंटमेंट नहीं मिला। अगर राहुल हमें नहीं सुनना चाहते थे, तो उन्होंने हमें पार्टी में क्यों लाया?”
देबबर्मा ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर और कहा मैंने देर रात ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की और उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने इंतजार किया और इंतजार करते रहे। लेकिन उनके द्वारा ‘हमारे’ नेता को कोई भी अप्वाइंटमेंट नहीं मिली। देबबर्मा के अनुसार जब मैंने त्रिपुरा में कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा दे दिया था। तो मैंने कहा था कि युवा नेता ‘अनाथ’ महसूस करते हैं। राहुल गांधी द्वारा अध्यक्ष पद अचानक छोड़ने के बाद, हमें बीच मझधार में छोड़ दिया गया। अचानक हमारे विचारों को दरकिनार कर दिया गया। ‘स्टालवार्ट्स’ ने प्रमुख मुद्दों पर हमारी नीतियों की अवहेलना शुरू कर दी थी।’
12 तारीख को हो सकते हैं बीजेपी पार्टी शामिल
खबरों के अनुसार ज्योतिरादित्य सिधिया इस्तीफ़ा देने के बाद 12 मार्च को बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। वहीं ज्योतिरादित्य सिधिया के इस्तीफे के साथ ही मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट छाए हुए हैं। क्योंकि कल ज्योतिरादित्य सिधिया के साथ-साथ मध्य प्रदेश के कांग्रेस के 21 विधायकों ने भी इस्तीफ़ा दे दिया था और ये सभी विधायक भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है ये सभी ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं। वहीं ज्योतिरादित्य सिधिया के इस्तीफा दिए जाने के बाद कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक पत्र लिख कहा कि सिंधिया को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप के चलते पार्टी से निकाला गया।
इस वजह से दिया इस्तीफा
दरअसल मध्य प्रदेश की राज्यसभा सीट से कांग्रेसी की और से राज्यसभा किस नेता को भेजा जाए। इसपर ये विवाद शुरू हुआ था। कहा जा रहा है कि सिंधिया चाहते थे कि उन्हें इस सीट के लिए चुना जाए। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय सिंह को इस सीट के लिए चुना था। पार्टी के इसी फैसले से ज्योतिरादित्य सिधिया परेशान थे और अंत में उन्होंने इस पार्टी को छोड़ने का फैसला लिया। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें राज्यसभा भेजा सकता है या कोई मंत्रालय दिया जा सकता है।