दंगे के आरोपियों के पोस्टर नहीं हटाने वाली है योगी सरकार, सुप्रीम कोर्ट पर करेंगे अपील
उत्तर प्रदेश की सरकार ने CAA खिलाफ हिंसा करने वाले आरोपियों की तस्वीरें और उनके नाम पते के साथ राजधानी के लखनऊ प्रमुख चौराहे पर पोस्टर लगवा दिए थे, इस मामले में हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि योगी सरकार इन आरोपियों के पोस्टर हटा दें, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ राजधानी लखनऊ में लगे आरोपियों के पोस्टर योगी सरकार हटाने से मना कर रही है, इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस निर्देश के बाद योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार है।
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट 8 मार्च 2020 यानी रविवार को भी खुली थी, रविवार के दिन हाईकोर्ट के खुलने का कारण यह था कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार की सुबह कुछ बड़े बड़े सरकारी होर्डिंग लगे थे, जिन पर कुछ लोगों के नाम थे जो कि लखनऊ में हुए CAA के हिंसक में शामिल थे और इनके ऊपर सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा था, जो पोस्टर लगाए गए थे उनके ऊपर उन लोगों के नाम, पहचान और पते थे और उन पर यह लिखा गया था कि इस नुकसान की भरपाई इनसे ही की जाने वाली है, सरकार की इसी बात पर सुनवाई करने के लिए रविवार के दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट खुली हुई थी और कोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था।
कोर्ट ने यह कहा था कि “इस तरह सरकार की तरफ से महज आरोपों के आधार पर लोगों के पोस्टर लगाकर उनको अपमानित करना ठीक नहीं है, साथ ही यह तो लोगों के निजता के अधिकार का हनन करने वाली बात भी है, सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी काम नहीं किया जाना चाहिए जिससे किसी को ठेस पहुंचे, ऐसे पोस्टर लगाना तो सरकार के लिए भी गलत बात है और नागरिक के लिए भी” हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की सभी दलीलों को खारिज करते हुए पोस्टर और बैनर हटाने का निर्देश दिया है, कोर्ट ने आरोपियों के पोस्टर लगाए जाने की कार्यवाही को गलत बताया है और निजता के अधिकार का उल्लंघन माना है।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद योगी सरकार ने आरोपियों के पोस्टर हटाने से इंकार कर दिया गया है, होली के बाद योगी सरकार इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाली है, जब हाईकोर्ट का फैसला आया तब उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश में सोमवार देर शाम को लोक भवन में एक बैठक बुलाई गई जिसमें यह फैसला लिया गया था, इस बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे और जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के साथ कई बड़े अधिकारी भी वहीं पर मौजूद थे।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष ने इस फैसले का स्वागत किया है, समाजवादी पार्टी के मुख्य अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह बोला है कि पहले तो इस सरकार ने पोस्टर लगवाए थे अब इनको हटाने वाली है, इस सरकार को ना तो नागरिकता की निजता के बारे में कुछ पता है और ना ही संविधान का सम्मान करना जानती है, इस प्रदेश के लोग इस सरकार से काफी हताश हो गए हैं, हाईकोर्ट के इस फैसले का हम स्वागत कर रहे हैं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी हाईकोर्ट के इस फैसले से काफी खुश है।