महिला दिवस पर रेलवे ने की अनोखी पहल, महिला कर्मचारियों को सौंपी ट्रेन संभालने की जिम्मेदारी
महिला दिवस के मौके पर रेलवे ने एक अनोखी पहल की है और इस पहल के तहत आज एक पैसेंजर ट्रेन की सारी जिम्मेदारी महिला कर्मचारियों को सौंपी गई। महिला दिवस के मौके पर पैसेंजर ट्रेन को महिला कर्मचारियों द्वारा संभाला गया है और इस ट्रेन के चालक से लेकर इस ट्रेन में खाना देने की जिम्मेदारी महिलाओं को दी गई।
ये पैसेंजर ट्रेन गोरखपुर से नौतनवां के रूट पर चलाई गई। इस ट्रेन का पूरा स्टाफ महिलाओं का था। इस ट्रेन को चलाने के लिए लखनऊ से महिला लोको पायलटों को बुलाया गया था। यहां तक इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने की जिम्मेदारी भी महिला गार्ड को सौंपी गई थी।
इस ट्रेन को चलाने की जिम्मेदारी समता कुमारी और श्रीती श्रीवास्तव को दी गई थी। जबकि इस ट्रेन को को गोरखपुर में तैनात गार्ड जागृति श्रीवास्तव ने हरी झंडी दिखाई। नौतनवां पैसेंजर को रवाना करने के दौरान स्टेशन डायरेक्टर और स्टेशन प्रबंधक मौजूद रहे। इसके अलावा प्लेटफॉर्म पर सभी स्टाफ ट्रैकमैन, प्वाइंटमैन, टीसी, आरपीएफ, जीआरपी, सफाईकर्मी आदि महिलाएं ही मौजूद थी।
ये ट्रेन सुबह 8 बजे प्लेटफॉर्म नंबर दो से रवाना की गई थी। जो कि 11.10 बजे नौतनवां पहुंची। नौतनवां से सुबह 11.45 बजे वापस ये ट्रेन गोरखपुर के लिए निकाली गई। 10 कोच वाली ये ट्रेन 2.25 बजे गोरखपुर जंक्शन वापस पहुंची।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रेलवे द्वारा ये अनोखी पहल की गई है और इस पहल पर सीपीआरओ एनईआर पंकज कुमार सिंह ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए रेल प्रशासन सदैव संवेदनशील रहा है। महिलाओं द्वारा जो योगदान रेलवे को दिया गया है उस योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर गोरखपुर-नौतनवां पैसेंजर ट्रेन का संचालन करने की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं को दी गई।
चार महिला टीटीई को दी जिम्मेदारी
गोरखपुर-नौतनवां पैसेंजर में चार महिला टीटीई को तैनात किया गया था। इन सभी महिला टीटीई को ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों की टिकट चेक करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इन चार महिला टीटीई ने अपनी जिम्मेदारी को बाखूबी से निभाया। वहीं इस ट्रेन की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए रेलवे ने खासा इंतजाम किए और जिन स्टेशनों पर ये ट्रेन रुकेगी, वहां स्टेशन प्रबंधक और अन्य स्टाफ ट्रेन में जाकर सुरक्षा व्यवस्था को देखा।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रेलवे की इस नई पहल ने ये संदेश दुनिया को दिया है कि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के सम्मान हैं और किसी भी कार्य को करने के लिए उन्हें पुरुषों के सहारे की जरूरत नहीं है। इस ट्रेन में सफर करने वाले लोगों को रेलवे का ये आइडिया अच्छा लगा और लोगों ने रेलवे की इस पहल की तारीफ की।
गौरतलब है कि 8 मार्च को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है और ये दिन महिलाओं को समर्पित किया गया है।