संकट में फंसे Yes Bank के लिए प्रशांत कुमार को प्रशासक किया गया नियुक्त, जानिए कौन है यह?
अगर आप यस बैंक के ग्राहक हैं तो आपको यह तो पता ही होगा कि यह वर्तमान समय में बुरे दौर से गुजर रहा है, प्राइवेट सेक्टर का चर्चित यस बैंक कर्ज में डूबा हुआ है, यस बैंक वित्तीय संकट से जूझ रहा था और इसके शेयर में गिरावट होनी शुरू हो गई थी जो कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी, वैसे देखा जाए तो यस बैंक अपनी इस हालत के लिए खुद ही जिम्मेदार है, यस बैंक ने कई लोगों को लोन दिया है, जिसकी वजह से यह आर्थिक संकट में फंसा हुआ है, दीवान हाउसिंग, जेट एयरवेज हर किसी को लोन देकर खुद ही वित्तीय संकट में फंस गया है।
बैंक पर लगी आरबीआई की पाबंदी
आरबीआई ने यस बैंक के ऊपर 3 अप्रैल तक के लिए पाबंदी लगा दी है, खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि आरबीआई के अनुसार यह आदेश अगले 1 महीने तक रहने वाला है और यस बैंक के ग्राहक अपने खाते से 50000 की ही धनराशि निकाल सकते हैं, अगर हम सरल शब्दों में समझे तो यस बैंक के ग्राहक 1 महीने तक सिर्फ 50000 ही खाते से निकाल पाएंगे, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को इमरजेंसी है तो इस स्थिति में कुछ शर्तें भी रखी गई है, इन शर्तों का पालन करते हुए व्यक्ति अपने खाते से ₹500000 तक की धनराशि निकाल सकता है, लेकिन यस बैंक किसी भी प्रकार का निवेश या फिर कर्ज वितरण नहीं कर पाएगा।
एसबीआई के पूर्व अधिकारी प्रशांत कुमार प्रशासक हुए नियुक्त
यस बैंक अभी बहुत ही संकटग्रस्त है और यह बुरे समय से गुजर रहा है, बैंक के ऊपर बहुत अधिक कर्जा बढ़ गया है और आरबीआई की पाबंदियां भी इस बैंक को झेलनी पड़ रही है, आरबीआई की तरफ से यस बैंक के लिए एसबीआई के पूर्व अधिकारी प्रशांत कुमार को प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है।
चलिए जानते हैं हैं आखिर कौन है प्रशांत कुमार
खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि आरबीआई के अगले आदेश तक प्रशांत कुमार यस बैंक के प्रशासक की जिम्मेदारी संभालने वाले हैं, जानकारी के अनुसार इनको बैंकिंग सेक्टर का काफी लंबा अनुभव है, 36 वर्ष तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में प्रशांत कुमार ने सेवा दी है, प्रशांत कुमार ने अपनी पढ़ाई की शुरुआत बिहार की राजधानी पटना से की है और यह दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर चुके हैं, यह साइंस और लॉ के स्टूडेंट रह चुके हैं।
वैसे देखा जाए तो यस बैंक के ग्राहक काफी परेशान है और इस बैंक के शेयर में भी भारी गिरावट आ चुकी है, वैसे यह पहली बार नहीं है कि किसी बैंक की हालत इस प्रकार से खराब हो गई है, इससे पहले भी बहुत से बैंक ऐसे हैं जिनको दिवालिया घोषित कर दिया गया था, शुक्रवार को यस बैंक का शेयर इतिहास के सबसे निचले स्तर पर आ गया था, शुरुआत में इसका शेयर 5.15 रुपये पर था जो कि बाद में ₹15 रुपये पर पहुंचा, आरबीआई के द्वारा बैंक के ग्राहकों को यह बताया गया है कि उनको घबराने की कोई जरूरत नहीं है, अगले कुछ दिनों में बैंक के रिस्ट्रक्चरिंग प्लान पर काम किया जाने वाला है।