Baaghi 3 फिल्म रिव्यु: एक्शन से भरपूर लेकिन लॉजिक और स्टोरी का अकाल
टाइगर श्रॉफ की मशहूर बागी सीरिज की तीसरी फिल्म बागी 3 आज 6 मई 2010 को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई. यदि आप भी अपने दोस्त या परिवार के साथ बागी 3 देखने का प्लान बना रहे हैं तो थोड़ा ठहर जाए. पहले आप इस फिल्म को लेकर फिल्म क्रिटिक्स के रिव्यु पढ़ ले.
स्टार कास्ट: टाइगर श्रॉफ, रितेश देशमुख, श्रद्धा कपूर, जयदीप अहलावत, विजय वर्मा, जैकी श्रॉफ और अन्य.
“लॉजिक फिल्म की सबसे मजबूत चीज नहीं हैं.” द इंडियन एक्सप्रेस यह कहते हुए बागी 3 को 2 स्टार की रेटिंग देता हैं.
बागी 3 एक ऐसी फिल्म हैं जिसमें स्टोरी और लॉजिक का दूर दूर तक कोई अता पता नहीं हैं. इस फिल्म को देख ऐसा लगता हैं मानो ये फिल्म सिर्फ टाइगर श्रॉफ की शानदार बॉडी को दिखाने के लिए ही बनाई गई हैं. टाइगर जब एक्शन सिंस करते हैं तो एक मधुर कविता लगते हैं लेकिन जब इमोशन दिखाने की या एक्सप्रेशन देने की बात आती हैं तो एक लड़खड़ाती कविता लगते हैं. आसान शब्दों में कहे तो टाइगर बागी 3 में एक अच्छे एक्शन हीरो लेकिन बुरे अभिनेता हैं. फिल्म में एक्शन भरपूर हैं. इसमें आपको कई अच्छी लोकेशन, ढेर सारे प्लेन्स, गाड़ियाँ और यहाँ तक कि लड़ाकू टैंक भी देखने को मिल जाएंगे. हालाँकि कहानी और लॉजिक फिल्म में ढूँढने से भी नहीं मिलते हैं.
“क्या हम कोरोना वायरस से भी वैसे ही लड़ सकते हैं जैसा टाइगर श्रॉफ बुरे लोगो से लड़ते हैं?” 1.5 स्टार रेटिंग देते हुए इंडिया टुडे कहता हैं.
बागी 3 अपनी पहले की दो फिल्मों जैसी ही हैं. 143 मिनट्स लंबी यह फिल्म एक्शन के नाम पर तो सुपरहीरो से कम नहीं हैं लेकिन जब बात लॉजिक की आती हैं तो जीरो बन जाती हैं. फिल्म शुरुआत के 10 मिनट में ही आपको पकाने लग जाती हैं. इसे देख आपको नींद भी आ सकती हैं. इसलिए बेहतर यही होगा कि आप जगे रहने के लिए साथ में कॉफ़ी भी ले जाए.
“बागी 3 में एक बार फिर सुनाई दी टाइगर की दहाड़.” खल्जी टाइम्स यह कहते हुए फिल्म को 2.5 की रेटिंग देता हैं.
जिन लोगो को एक्शन फ़िल्में पसंद हैं उन्हें बागी 3 मनोरंजक लग सकती हैं. फिल्म में रितेश और टाइगर अनाथ भाई होते हैं. जैकी श्रॉफ फिल्म में दोनों के पिता बनते हैं जिनकी पुलिस की ड्यूटी होती हैं और बदमाशों का एनकाउंटर करते हुए मौत हो जाती हैं. मरने से पहले जैकी टाइगर से अपने छोटे बेटे रितेश का ख्याल रखने को कहते हैं. टाइगर अपने पापा की अंतिम इच्छा का पालन करते हुए रितेश की रक्षा करते हैं. हालाँकि रितेश फिल्म में बार बार किसी ना किसी मुसीबत में फंसता ही चला जाता हैं. ऐसे में टाइगर हर बार उन्हें बचाने पहुँच जाते हैं.
“कमजोर स्क्रिप्ट टाइगर श्रॉफ की दमदार एक्शन में बाधा डालती हैं.” जागरण इंग्लिश
जागरण इंग्लिश के फिल्म रिव्यु में टाइगर श्रॉफ की बागी 3 के एक्शन सिंस की तारीफ़ की गई हैं. इस फिल्म से टाइगर एक बार फिर साबित कर देते हैं कि जब बात फिल्मों में एक्शन करने की आती हैं तो उनका कोई तोड़ नहीं हैं. हालाँकि फिल्म की कमजोर स्क्रिप्ट इस एक्शन में बाधा जरूर डालती हैं.
“एक प्रेडिक्टेबल (पूर्वानुमानित) ढीली फिल्म जिसमे सुधार की बहुत आवश्यकता हैं.” मिड डे
टाइगर के फैंस को शायद बागी 3 पसंद भी आ जाए लेकिन हमारे लिए ‘वार’ अभी भी टाइगर की बेस्ट फिल्म हैं. इस फिल्म में एक्शन और स्टोरी दोनों में ही दम था. हालाँकि बागी 3 स्टोरी के मामले में फीकी और लापरवाह महसूस होती हैं.
कुल मिलकर कहा जाए तो बागी 3 में स्टोरी और लॉजिक नहीं हैं. यदि आपको सिर्फ मार धाड़ और एक्शन सिंस से मतलब हैं तो आप यह फिल्म देखने थिएटर जा सकते हैं वरना घर बैठ अपने पैसे बचाने में ही समझदारी हैं.