13 साल की लड़की ने रुकवाया था अपने ही परिवार का ‘बाल विवाह’, अब यूपी सरकार से मिल रहा ये तोहफा
‘बाल विवाह’ भारत में कानूनन अपराध हैं. हालाँकि इसके बावजूद कई राज्यों में नाबालिग कन्याओं का विवाह कर दिया जाता हैं. बिहार, राजस्थान, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश कुछ ऐसे राज्य हैं जहाँ आज भी बाल विवाह के कुछ मामले देखने को मिल ही जाते हैं. ऐसे में ये स्कूल और समाज की जिम्मेदारी होती हैं कि वे लोगो के अंदर इस बाल विवाह को रोकने की समझ बनाए, उन्हें इसके नुकसान बताए. गौरतलब हैं कि भारत में लड़की की शादी की लीगल उम्र 18 वर्ष जबकि लड़के की 21 साल हैं. इससे कम उम्र के लड़का या लड़की का विवाह करना बाल विवाह की श्रेणी में आता हैं जो कि एक दंडनीय अपराध भी हैं.
जब 13 साल की लड़की ने रुकवाया बाल विवाह
आज हम आपको 13 साल की एक ऐसी लड़की से मिलाने जा रहे हैं जिसने अपने ही परिवार में होने वाले बाल विवाह को रुकवा दिया था. उत्तर प्रदेश की रहने वाली इस लड़की का नाम वंशिका गौतम हैं. वंशिका यूपी के खरखौदा के कस्तूरबा गांधी अवसिया विद्यालय की क्लास 8 की स्टूडेंट हैं. वंशिका बताती हैं कि करीब एक साल पहले मैंने अपनी 16 साल की कजिन की शादी रुकवाई थी.
“करीब एक साल पहले मुझे ये पता चला कि मेरी चाची मेरी 16 साल की कजिन की शादी की तैयारियां कर रही हैं. ऐसे में मैंने उन्हें और उनके परिवार को ये समझाया कि वे 18 साल के पहले लड़की की शादी नहीं कर सकते हैं. मेरे समझाने के बाद उन्होंने शादी रोक दी और लड़की को आगे पढ़ाने के लिए सहमत हो गए.” वंशिका ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया.
यूपी सरकार से मिला अवार्ड
A 13-year-old girl will be felicitated by #UttarPradesh Chief Minister Yogi Adityanath (@myogiadityanath) for stopping a child marriage in her own family. The girl is Vanshika Gautam, a Class 8 student of Kasturba Gandhi Avasiya Vidyalaya in #Kharkhauda area. pic.twitter.com/dpYWMSYmlG
— IANS Tweets (@ians_india) March 4, 2020
वंशिका को अपने इस अच्छे काम के लिए हाल ही में 5 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार ने अवार्ड देकर सम्मानित किया हैं. वंशिका के स्कूल की वार्डन बताती हैं कि “ये हमारे स्कूल के लिए गर्व की बात हैं कि हमारी एक स्टूडेंट को स्टेट लेवल का सम्मान दिया जा रहा हैं.”
स्कूल से मिली थी शिक्षा
दरअसल वंशिका को स्कूल में पढ़ाई के दौरान यह सिखाया गया था कि लड़की की शादी की कानूनन उम्र 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष होती हैं. इसके पहले की शादी को कानूनन अपराध माना जाता हैं. बस यही बात वंशिका के मन में बैठ गई थी. ऐसे में जब उसे पता चला कि अपने ही परिवार में एक लड़की का बाल विवाह हो रहा हैं तो वंशिका ने अपनी स्कूल की सिख याद करते हुए इसे रुकवा दिया.
वंशिका एक ताजा उदाहरण हैं कि कैसे हम स्कूल और घर में अच्छी शिक्षा देकर आने वाली जनरेशन को अच्छा बना सकते हैं. यह न्यू जनरेशन ही हमें उम्मीद देती हैं कि भविष्य में भारत और भी बेहतर होगा. यहाँ जितनी भी कुप्रथाएं हैं और जो भी गलत काम पिछड़ी या गलत सोच के चलते होते हैं वे बंद हो जाएंगे. बाल विवाह लड़की का जीवन बर्बाद कर देता हैं. इसलिए इस तरह की शादी को हमें बिलकुल भी बढ़ावा नहीं देना चाहिए.
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