मार्च महीने में आ रहे हैं ये महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार, जानें कब है शनि प्रदोष व्रत और होलिका दहन
मार्च महीने में कई सारे त्योहार आ रहे हैं और ये त्योहार तीन मार्च से शुरू हो रहे हैं। तो आइए जानते हैं, इस महीने आने वाले त्योहार और व्रत कौन-कौन से हैं और ये किस दिन आ रहे हैं।
श्री दुर्गाष्टमी व्रत : 3 मार्च
श्री दुर्गाष्टमी व्रत तीन मार्च को यानी होलाष्टक के साथ ही आ रहा है। हिन्दू कैलेंडर के हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस बार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 03 मार्च के दिन आ रही है और इस दिन श्री दुर्गाष्टमी का व्रत है। इस व्रत के दौरान दुर्गा मां की पूजा की जाती है।
आमल की एकादशी व्रत: 06 मार्च
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है और इस एकादशी के दिन व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति होती। इस साल ये एकादाशी 06 मार्च को है। इस एकादशी के दिन आवले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। क्योंकि आंवला को भगवान विष्णु का प्रिय फल माना जाता है और इस पेड़ पर भगवान विष्णु का निवास होता है।
रंगभरी एकादशी – 6 मार्च
6 मार्च को रंगभरी एकादशी आ रही है औप इस एकादशी के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां पार्वती का काशी में स्वागत किया गया था। इस दिन बाबा विश्वनाथ की पूजा की जाती है और उनका श्रृंगार किया जाता है।
गोविंद द्वादशी व्रत : 07 मार्च
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि गोविंद द्वादशी का व्रत है। इस दिन भगवान गोविन्द यानी कृष्ण जी की पूजा की जाता है। ये व्रत करने से मन चाही चीज मिल जाती है और भगवान आपकी हर कामना पूरी कर देते हैं।
शनि प्रदोष व्रत – 07 मार्च
सात मार्च को शनि प्रदोष व्रत आ रहा है। इस व्रत के दौरान शिव जी और शनिदेव की पूजा की जाती है। शनि प्रदोष का व्रत रखने से शिव भगवान शनि के प्रकोप से रक्षा करते हैं। ये व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है।
फाल्गुन पूर्णिमा – 09 मार्च
इस महीने पूर्णिमा 9 मार्च को आ रही है और फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को आने वाली पूर्णिमा को फाल्गुन पूर्णिमा कहा जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन ही होलिका दहन किया जाता है। कई लोग फाल्गुन पूर्णिमा के दिन व्रत भी रखते हैं।
होली- 10 मार्च
होलाष्टक आठ दिनों की होती है और इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। वहीं आठवे दिन होलिका दहन किया जाता है। 3 मार्च को होलाष्टक है। जिसके बाद 09 मार्च को होलिका का दहन। होलिका का दहन शाम के समय किया जाता है और दहन से पहले पूजा की जाती है। फिर लकड़ियों को आग लगा दी जाती है। वहीं अगले यानी 10 मार्च को होली का पर्व मनाया जाता है। होली का पर्व रंगों का पर्व है और इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं।