मात्र 35 मिनट में दिया 6 बच्चों को जन्म, इस महिला की डिलीवरी कराने में डॉक्टरों के छूट गए पसीने
दुनिया में बहुत से अज़ब-गज़ब काम होते हैं जिनमें कुछ कुदरती तो कुछ लोग खुद ही करते हैं। हमारे भारत में तो वैसे काम भी मुमकिन हो जाते हैं जो कभी कोई सोच भी नहीं सकता है। फिर चाहे बच्चे को पीठ में बांधकर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई युद्ध लड़ लें या फिर अहिंसा के रास्ते पर चलतर महात्मा गांधी अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दें। कुछ ऐसा ही किया एक महिला ने लेकिन ये कोई युद्ध नहीं बल्कि जिंदगी और मौत के बीच के युद्ध को जीता है। इस महिला ने एक साथ 6 बच्चों को जन्म दिया और डिलिवरी के टाइम डॉक्टर्स के पसीने तक छूट गए। चलिए बताते हैं कहां का और क्या है ये मामला?
इस महिला ने एक साथ दिए 6 बच्चों को जन्म
मध्यप्रदेश के श्योरपुर जिला अस्पताल में शनिवार को एक महिला ने लगातार 6 बच्चों को जन्म दिया लेकिन इसमें दुख की बात ये है कि इनमें से 5 बच्चों ने जन्म के 10 घंटे के अंदर ही दम तोड़ दिया। जो छठवां बच्चा हुआ उसकी हालत भी बहुत नाजुक है। इन सभी बच्चों का कुल वजन एक नवजात शिशु के औसत वजन से भी कम था। इस वजह से चिकित्सकों ने उनके जीवित बचने की संभावना पहले ही कम बताई थी। नवजात शिशुओं में 4 लड़के और 2 लड़कियां थीं। प्रसव नौ महीने के बजाए 6 महीने एक दिन में ही हो गया था और दोनों बच्चियों ने जन्म के कुछ देर बाद ही दम तोड़ दिया था। सुबह 10 बजे जन्में इन बच्चों में से तीन की रात 8 बजे मौत हुई और बाकी बचे एक लड़के की हालत काफी नाजुक बनी हुई थी। उसका श्योरपुर के जिला अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) में इलाज हो रहा है, हालांकि प्रसूता की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। श्योरपुर जिले की बड़ौदा तहसील निवासी मूर्ति पत्नी विनोद माली की ये पहली डिलीवरी थी। शनिवार को उसे प्रसव पीड़ा हुई जिसके बाद स्थानीय अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया। क्योंकि ये डिलीवरी समय से पहले थी और मामला काफी जटिल था तो इसलिए मूर्ति को श्योरपुर जिला अस्पताल रिफर कर दिया गया था।
जिला अस्पताल के प्रसूति वॉर्ड में जाते समय ही मूर्ति की नॉर्मल डिलीवरी हुई और करीब 35 मिनट में उसने 6 बच्चों को जन्म दे दिया। इनका वजन 450 ग्राम से लेकर 780 ग्राम तक था, इसलिए उनकी हालत काफी नाजुक हो गई। तुरंत ही एसएनसीयू में उन्हें शिफ्ट किया गया और दोनों लड़कियां सबसे कमजोर बताई गईं। इनका वजन 400 से 490 ग्राम ही डॉक्टर्स ने बताया।प्रसूता मूर्ति की तेज प्रसव पीड़ा को देखते हुए डॉक्टर्स ने उनकी सोनोग्राफी कराई।
जांच में पता चला कि उनके गर्भ में दो-तीन नहीं पूरे 6 बच्चे हैं। ये पता लगते ही ना सिर्फ मूर्ति बल्कि डॉक्टर्स और मूर्ति के पति भी हैरत में आ गए। प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. नीतू सिकरवार ने इस बारे में बताया कि तीन से चार बच्चों के केस तो उन्होने अपने करियर में देखे हैं लेकिन 6 बच्चों का मामला पहली बार सामने आया है और ऐसे केस लाखों में एक होते हैं। बच्चेदानी में इतने बच्चे नहीं आ पाते, इस वजह से 6 से 7 महीने में ही डिलीवरी होने की संभावना रहती है। अगर बच्चे डेढ़-डेढ़ किलो के भी होते तो इनके बचने की संभावना होती लेकिन ऐसे बच्चों के समुचित इलाज की व्यवस्था भी श्योरपुर जैसी जगहों पर नहीं हो पाती है।