दलित को भी नहीं छोड़ा मुसलमान दंगाइयों ने, बच्चों के लिए दूध लाने गया था दिनेश और मार दी गयी गोली
दिल्ली में हुई हिंसा को आज पांच दिन बीत चुके हैं। लेकिन इस हिंसा का दर्द आज भी ताजा है। पांच दिन बाद भी इस हिंसा से जुड़ी ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं जिनको सुनकर हर किसी का दिल रो रहा है। 25 फरवरी को दिल्ली में कई मासूम लोगों की जान इस हिंसा में चले गई थी। इस हिंसा से जुड़ी ही एक ऐसा कहानी सामने आई है, जिसमें एक पल में ही दो बच्चों के ऊपर से उनके पिता का साया हट गया और छोटी से आयु में ही ये दोनों बच्चे अनाथ हो गए।
दिनेश कुमार खटिक की कहानी
हिंसा वाली शाम दिनेश कुमार खटिक अपने घर से बच्चों के लिए दूध लाने के लिए निकले थे और रास्ते में ही उनकी हत्या कर दी गई। दिनेश कुमार खटिक का इंतजार काफी समय तक उनके परिवार वाले करते हैं और अंत में परिवार वालों के पास दिनेश कुमार खटिक की मौत की खबर आई। दिनेश कुमार खटिक की पत्नी एक पल में ही विधवा हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिनेश कुमार खटिक शाम को बच्चों के लिए दूध लाने के लिए पास की दुकान में गए थे। तभी उनकी हत्या कर दी गई। दिनेश कुमार खटिक की मौत सिर पर गोली लगने से हुई।
दिनेश कुमार खटिक की मौत के साथ ही उनके छोटे बच्चे अनाथ हो गए और उनके ऊपर से पिता का साया हट गया। दिनेश कुमार खटिक की मौत पर वकील मोनिका अरोड़ा ने एक ट्वीट किया और दिनेश कुमार खटिक के परिवार वालों के प्रति अपनी चिंता जताई। ट्वीट में वकील मोनिका अरोड़ा ने लिखा, दिनेश कुमार खटिक बच्चों के लिए दूध लेने गए थे। राजधानी स्कूलों की छत से गोली चली। माथे पर लगी। मर गए। इनकी मदद कीजिये @narendramodi @AmitShah जय भीम जय मीम कहने वाले चुप क्यों?
7 साल डेढ़ साल के बच्चे। पत्नी housewife. Dinesh kumar khatik बच्चों के लिए दूध लेने गए थे। राजधानी school की छत से गोली चली। माथे पर लगी।मर गए।
इनकी मदद कीजिये @narendramodi @AmitShah
जय भीम जय मीम कहने वाले चुप क्यों? pic.twitter.com/KZH3WXkPAE— Monika Arora (@advmonikaarora) February 29, 2020
ट्वीट करते हुए मोनिका अरोड़ा ने दिनेश कुमार खटिक के परिवार की एक तस्वीर भी सांझा की जिसमें दिनेश कुमार खटिक की पत्नी अपने दो बच्चों के साथ है। दिनेश कुमार खटिक के बड़े बेटे की आयु 7 साल का है और दूसरा बेटा मात्र 1.5 साल का है।
गौरतलब है कि दिल्ली में हिंसा का माहौल 22 फरवरी से शुरू हो गया था। लेकिन 25 फरवरी को इस हिंसा ने भयानक रुप ले लिया था। दिल्ली के कई इलाकों में 25 फरवरी को दंगाईयों ने तोड़ फोड़ की और घर, दुकानों को आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं दंगाईंयों ने कई लोगों की बेरहमी से हत्या भी कर दी। दिल्ली में हुई इस हिंसा में 44 से अधिक लोगों की अभी तक मौत हो चुकी है। जबकि 200 से अधिक लोग घायल है। दिल्ली पुलिस ने कई अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और इस हिंसा में शामिल हुए लोगों को पकड़ने में जु़ट गई है। इस हिंसा में जिन लोगों की हत्या की गई है उनको गोली, चाकू और पत्थर से मारा गया है। वहीं जिस तरह से ये हिंसा हुई है उसको देखकर से साफ लगता है कि दंगाई लंबे समय से हिंसा करने की तैयारियों में जुटे हुए थे।
राजधानी स्कूल के छत पर से
दिनेश को जिस राजधानी स्कूल के छत पर से जमा दंगाइयों ने मारी उस का मालिक फैसल फ़ारूक़ है। उसने आरोप लगाया है कि उसके स्कूल पर दंगाइयों ने कब्जा कर लिया था। स्थानीय लोगों के अनुसार वहाँ कई दिनों से पत्थर, बम, गुलेल वगैरह जमा किए जा रहे थे। इस स्कूल की छत से 250 दंगाइयों ने आसपास के हिन्दुओं पर तबाही बरपाई थी।
मदद के लिए आए सामने
दिल्ली सरकार ने दंगा पीड़ितों को 10 लाख रुपए देना का ऐलान भी किया है। वहीं अन्य नेता भी पीड़ितों के परिवार वालों की मदद के लिए सामने आ रहे हैं।