चाणक्य नीति: इन बातों को रखना चाहिए गुप्त, जिक्र करने से बढ़ जाती हैं परेशानियां
आचार्य चाणक्य को एक लोकप्रिय शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, न्यायविद और शाही सलाहकार के रूप में जाना जाता है. आचार्य चाणक्य पाटलीपुत्र के महान विद्वान थे. इतने बड़े साम्राज्य के मंत्री होने के बाद भी वह एक साधारण सी कुटिया में रहना पसंद करते थे. साथ ही वह बेहद ही सदा जीवन जीने में यकीन रखते थे. चाणक्य ने अपने जीवन से मिले कुछ अनुभवों को एक किताब ‘चाणक्य नीति’ में जगह दिया है. चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया गया है, जिस पर अमल करने पर व्यक्ति अवश्य सफल होता है. इस किताब में कुछ ऐसी बातें बताई गयी हैं, जिसका जिक्र हमें भूले से भी दूसरों के सामने नहीं करना चाहिए. कौन सी हैं चाणक्य की वो नीतियां, आईये जानते हैं.
याद रखें चाणक्य की ये नीतियां
- चाणक्य नीति में बताया गया है कि जो व्यक्ति सुनने का धीरज रखता है, उसे धर्म का ज्ञान होता है. उसके मन का द्वेष दूर होता है और साथ ही ज्ञान की भी प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, मोह माया से भी उसका मन उठ जाता है.
- चाणक्य नीति में कहा गया है कि एक इंसान को जीवनभर कुछ न कुछ सीखते रहना चहिये. सीखने की प्रक्रिया कभी खत्म नहीं होती. इंसान से लेकर जानवर तक से व्यक्ति कुछ न कुछ सीख सकता है. जीतना सीखेंगे, उतना तजुर्बा हासिल करेंगे.
- कुछ लोगों की आदत होती हैं कि वह अपनी धन-दौलत के बारे में खूब शेखियां झाड़ते हैं. लेकिन चाणक्य के मुताबिक कभी भी अपने धन-दौलत का जिक्र दूसरों के सामने नहीं करना चाहिए. आपके पास कितना धन-दौलत है और आप कितने अमीर हैं इस बात को केवल आपका ही जानना बेहतर है. यदि आप किसी को इस बारे में बताते हैं तो आपके पैसों को नजर लग सकती है और जिस पैसे पर आज आप इतरा रहे हैं वही आपको रंक बना सकता है.
- चाणक्य नीति के अनुसार दिया गया दान आपको दूसरों को कभी नहीं बताना चाहिए. यदि आपने किसी को कुछ दान दिया है तो उसे अपने तक ही सीमित रखें. यदि आप दिए गए दान का जिक्र किसी के सामने करते हैं तो उसे व्यर्थ माना जाता है. ऐसी बातों का जिक्र करने से उसका कोई मूल्य नहीं रहता. इस वजह से दान को हमेशा गुप्त रखना चाहिए.
- इसके अलावा चाणक्य नीति में यह भी कहा गया है कि यदि परिवार के साथ आपका कोई झगड़ा हुआ है तो उसे अपने तक ही रखें. इस बारे में किसी को न बताएं. पारिवारिक झगड़ें निजी होते हैं और आपस में सुलझ जाते हैं. यदि आज आप किसी को इस बारे में बताते हैं तो वह बात आपके दुश्मनों तक पहुंच सकती है, जिसका फायदा वह बड़ी आसानी से उठा सकते हैं.
- चाणक्य नीति में यह भी कहा गया है कि कभी भी ज्ञान लेने में शर्म नहीं करनी चाहिए. ज्ञान प्राप्त करने के मामले में आपको बेशर्म हो जाना चाहिए. इस मामले में आपको अपने दुश्मनों से भी शर्म नहीं करनी चाहिए. ज्ञान जितना ज्यादा मिले, उतना ज्यादा काम आता है.
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