चूर-चूर हो चुका पाक का कश्मीर हासिल करने का सपना, इमरान ने मानी हार, कहा-PM मोदी के रहते असंभव
पाकिस्तान की कश्मीर हासिल करने की नापाक हसरत अब दम तोड़ने लगी है. प्रधानमंत्री इमरान खान के कश्मीर के मुद्दे को लेकर दिए गए हालिया बयान से तो यही लगता है कि उन्होंने पीएम मोदी के सामने हथियार डाल दिए हैं. दरअसल इमरान का मानना है कि पीएम मोदी के भारत के प्रधानमंत्री रहते कश्मीर को लेकर उनका सपना पूरा नहीं हो सकता.
ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर के मामले में अब पूरी तरह से निराश होकर अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं. एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तानी पीएम इमरान ने कहा है कि जब तक इंडिया में मोदी की सरकार है तब तक कश्मीर समस्या को लेकर कोई आशा नहीं है. इमरान खान ने कहा कि जब तक इंडिया में मोदी की सरकार रहेगी तब तक कश्मीर के मुद्दे पर वो कुछ भी नहीं कर सकते हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अब ये स्वीकार कर रहे है की पाकिस्तान कश्मीर मामले के अंतरराष्ट्रीयकरण की अपनी कोशिशों में पूरी तरह से असफल हो चूका है. इमरान खान ने एक इंटरव्यू में कहा की वह कश्मीर मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन प्राप्त ना कर पाने की वजह से बहुत निराश हैं.
इमरान खान ने इस बात को भी एक्सेप्ट किया कि जब से मोदी सरकार द्वारा कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) को हटाया गया है तबसे भारत के इस फैसले को ज्यादातर देशों ने अपना समर्थन दिया है और पाकिस्तान को किसी भी देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन नहीं मिल पाया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसी बीच इंडिया की आर्थिक मजबूती और वैश्विक प्रमुखता को एक्सेप्ट करते हुए कहा कि यही कारण है की कश्मीर से जुड़े पाकिस्तान के बयान को पूरी तरह से अनदेखा किया जा रहा है.
हम आपको बता दें की पाकिस्तान के गृह मंत्री ब्रिगेडियर एजाज अहमद शाह ने यह बात स्वीकार की थी पाकिस्तान, कश्मीर मामले पर अपने रवैये को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सहयोग प्राप्त करने में पूरी तरह से असफल रहा है. मंत्री एजाज शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, लोग हम पर ज़रा भी यकीन नहीं करते हैं उन्हें उनपर (भारत) पूरा विश्वास हैं. जब अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाया गया है तबसे पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला गया है. सबसे पहले पाकिस्तान ने भारत के इस निर्णय का विरोध किया. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत से राजनीतिक संबंधों को कम करना शुरू कर दिया. पाकिस्तान ने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी उठाया. उसने तुर्की और मलेशिया के नेताओं को भी कश्मीर मामले पर बयानबाज़ी करने के लिए कहा. पाकिस्तान ने कश्मीर मामले को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने का हरसंभव प्रयास किया. पर उसकी सभी कोशिशे नाकाम रही और हर जगह पाकिस्तान को झटका लगा.
बहरहाल यह बात तो पूरी तरह से तय है की पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इस बात को बहुत अच्छी तरह से समझ चुके हैं की कश्मीर को हथियाने के चाहे वो कितने भी प्रयास कर ले पर जब तक भारत में मोदी सरकार है तब वो अपने सपने में भी कश्मीर को हासिल नहीं कर सकता है. यह बात अब शायद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की समझ में भी अच्छे से आ चुकी है शायद इसीलिए इमरान खान मोदी के सामने अपने हथियार डालकर अपनी हार स्वीकार कर चुके है.