CAA, BJP और भारत के लोगों के बीच की जंग, यह मुसलमानों और केंद्र की लड़ाई नहीं : तिहारी चिदंबरम
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भारत के लोगों और भारतीय जनता पार्टी के बीच की लड़ाई बताया है। रविवार को चेन्नई में सीएए विरोधी एक कार्यक्रम के दौरान चिदंबरम ने यह बात कही हैं। इस कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा कि, नागरिकता संशोधन कानून मुसलमानों और केंद्र सरकार के बीच की जंग नहीं है। बल्कि भारत के लोगों और बीजेपी के बीच की जंग है। इस समय हम लोगों को देश की अर्थव्यवस्था के बारे में बात करनी चाहिए। लेकिन हमारे देश में सीएए और एनआरसी के बारे में बात हो रही है।
बताया हिंदुओं के पक्ष का कानून
इस कानून पर बयान देते हुए चिदंबरम ने बीजेपी पर ये आरोप भी लगाया कि ये कानून एक औजार है। जिसका मकसद 12 लाख हिंदुओं को रखने का है। अपने बयान में चिदंबरम ने कहा कि सीएए असम में सात लाख मुसलमानों को बाहर भेजने और 12 लाख हिंदुओं को रखने का एक ”औजार” है। नागरिकता संशोधन कानून पर कई सारे देशों ने भी सवाल उठाए हैं। अन्य देशों ने अवैध प्रवासियों को रोका है। मगर किसी ने भी 19 लाख लोगों को प्रत्यर्पित नहीं किया। पी. चिदंबरम ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर मोदी पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि मोदी भारत की यात्रा पर आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूछें कि क्या असम से 19 लाख लोगों को प्रत्यर्पित करना संभव है। किसी भी देश ने 19 लाख लोगों को प्रत्यर्पित किया है? अगर नरेंद्र मोदी को कोई शक है तो वो ट्रंप से सवाल पूछ सकते हैं और वो जवाब देंगे।
केंद्र सरकार को घेरने में लगी हुई है कांग्रेस
Congress leader P Chidambaram in Chennai on Citizenship Amendment Act: It is not a battle between Muslims and Central Government. But, it is a battle between people of India and BJP. We are supposed to speak about the economy, however, we are talking about CAA and NRC. (23.02) pic.twitter.com/y1Ql83VMBB
— ANI (@ANI) February 23, 2020
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेरने में लगे हुए हैं और इस कानून को देश के खिलाफ बता रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे प्रदर्शनों में इन पार्टियों के नेता भाग ले रहे हैं और लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जंग जारी रखने को कह रहे हैं। हालांकि मोदी कई बार लोगों से ये अपील कर चुके हैं कि वो इन नेताओं की बातों में आकर कोई गलत कदम ना उठाएं। क्योंकि ये कानून देश के हित में ही है और इस कानून से किसी भी भारतीय व्यक्ति की नागरिकता उससे वापस नहीं ली जाएगी। नागरिकता संशोधन कानून केवल उन लोगों को भारत की नागरिकता देने का कानून है जो कि अन्य देशों में धर्म के नाम पर प्रताड़ित हो रहे हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून को लोकसभा और राज्यसभा से पारित किया गया है और इस कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित हो रहे लोगों को भारत की नागरिकता देना का प्रावधान लगाया गया है। इस कानून के अनुसार मुस्लिम धर्म के अलावा अन्य किसी भी धर्म के लोग भारत की नागरिकता ले सकते हैं। इस कानून के जरिए कई लोगों को भारत की नागरिकता भी दी जा चुकी है। हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों पर ही ये कानून लागू होता है। जिसकी वजह से मुस्लिम धर्म के लोग इस कानून को अपने विरूद्ध मान रहे हैं।