आखिरकार बिना प्रेग्नेंट हुए कैसे मां बन गईं शिल्पा शेट्टी, जानिए वो अनोखा तरीका
आज के आधुनिक दौर में कुछ भी संभव हो सकता है और ऐसे में अगर कोई बिना संबंध बनाए माता-पिता बन जाएं तो कोई हैरानी की बात नहीं है। सरोगेसी एक ऐसा जरिया है मगर कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिसके जरिए कोई दंपत्ति माता-पिता बन जाते हैं। कुछ ऐसा ही बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने भी किया जब बिना प्रेग्नेंट हो गईं शिल्पा और लोग हो गए हैरान, मगर ये चमत्कार कैसे हुआ इसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए।
बिना प्रेग्नेंसी के शिल्पा प्रेग्नेंट कैसे हुईं?
बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और बिजनेसमैन राज कुंद्रा के घर एक बेटी ने जन्म लिया है। खबर है शिल्पा ने सेरोगेसी के जरिए इस बच्ची को अपनाया है और इसका जन्म 15 फरवरी को हुआ था। शिल्पा ने इसे जूनियर एसएसके का टैग दिया है जबकि इसका पूरा नाम समिशा शेट्टी कुंद्रा है। शिल्पा और राज को पहले से एक बेटा था जो उन्हें नेचुरल तरीके से ही हुआ था। इससे पहले आमिर खान, एकता कपूर, शाहरुख खान, तुषार कपूर, करण जौहर, सोहेल खान, सीमान खान जैसे सेलिब्रिटीज ने भी सेरोगेसी के जरिए बच्चों को अपनाया था। इससे अक्सर लोगों में ये जिज्ञासा पैदा होती है कि आखिर सेरोगेसी क्या होता है। आमतौर पर ये उन जोड़ों के लिए है जो निसंतान होते हैं। ये एक चिकित्सिक जरिया होता है जिसके जरिए संतान का सुख पाया जा सकता है। आमतौर पर सेरोगेसी तब कराई जाती है जब किसी महिला को गर्भधारण करने में परेशानी हो रही होती है, गर्भाशय संक्रमण हो या फिर उसमें कोई और समस्या हो।
सरोगेसी दो तरीकों से होती है पहली ट्रेडिशनल यानी पारंपरिक सरोगेसी और दूसरी जेस्टेशनल सरोगेसी। ट्रेडिशनल में पुरुष के शुक्राणुओं को किसी दूसरी महिला के अंडाणुओं के साथ निषेचित किया जाता है। फिर अगर वो महिला सरोगेसी के लिए तैयार है तो उसके गर्भ में निषेचित किए गए शुक्राणुओं को डाल दिया जाता है। जेस्टेशनल सरोगेसी में भी गर्भ किसी दूसरी महिला का ही होता है लेकिन जैसा कि पहले में पुरुष के शुक्राणु का इस्तेमाल होता है वैसा इसमें नहीं होता है। इस प्रकार में पति-पत्नी के अंडाणु व शुक्राणुओं का मेल परखनली विधि में करवाकर दूसरी महिला के गर्भ में डाला जाता है। विधि कोई भी हो लेकिन पति-पत्नी बिना किसी शारीरिक कष्ट के भी माता-पिता बन सकते हैं।
कितना खर्च होता है सरोगेसी में?
सरोगसी एक महंगी प्रक्रिया होती है और उत्तर प्रदेश में हर साल 70 से ज्यादा महिलाएं इसके लिए अपना गर्भ देती हैं। हर महीने 6 से 8 सरोगेट मदर बच्चे को देती हैं। इसमें सबसे खास बात ये है कि 90 प्रतिशत मामलों में सरोगेट मदर को कोख का किराया भी दिया जाता है। सरोगेसी प्रक्रिया में 15 से 20 लाख रुपये खर्च करने होते हैं, हालांकि ये पूरी तरह से निश्चिंत नहीं है कि टोटल कितना खर्च इसमें आता है। ये महज एक आंकड़ा है क्योंकि जिन दंपत्ति को बच्चे चाहिए होते हैं वे पैसों का इंतजाम भी रखते हैं। आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों से भारत में सरोगेसी का कारोबार बहुत तेजी से बढ़ गया है। न सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी भी भारत आकर सरोगेसी के जरिए यहां 2,000 बच्चों को जन्म देते हैं। सरोगेरी का रास्ता वो दंपती अपनाते हैं जिन्हें गर्भधारण में दिक्कत होती है। भारत के मुकाबले विदेशों इसका खर्च ज्यादा है। अमेरिका जैसे देश में इसका खर्च करीब 60 लाख रुपये हो सकता है।