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औरतों और बच्चों को हथियार बना कर दिल्ली को बंधक बनाने चाहते हैं देश के दुश्मन, एक और शाहीन बाग

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग जैसा ही एक और प्रदर्शन दिल्ली में शुरू किया गया है। ये प्रदर्शन दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो के नीचे किया जा रहा है। इस प्रदर्शन को 22 फरवरी की देर रात से शुरू किया गया है। शनिवार की रात को अचानक से जाफराबाद मेट्रो के नीचे बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय की महिलाएं इकट्ठा हो गई और इन महिलाओं ने CAA-NRC के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये प्रदर्शन जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे हो रहा है। प्रदर्शन करते समय इन महिलाओं ने मोमबत्ती जलाई और CAA के खिलाफ नारेबाजी की। धीरे-धीरे जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे महिलाओं की भीड़ बढ़ती गई और अब काफी बड़ी संख्या में महिलाएं इस प्रदर्शन में शामिल हो गई हैं।

लोगों को हो रही बेहद ही दिक्कत

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जाफराबाद मेट्रो के नीचे हो रहे इस प्रदर्शन के कारण लोगों को बेहद ही दिक्कत हो रही है और इस जगह के रास्ते पूरी तरह से बंद पड़ गए हैं। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने रोड नंबर 66 को जाम कर दिया है। ये सड़क सीलमपुर को मौजपुर और यमुना विहार से जोड़ती है और इस प्रदर्शन से यातायात पर बुरा असर पड़ा है।

प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के अनुसार वो शाहीन बाग की तरह ही CAA और एनआरसी का विरोध कर रही है और जब तक केंद्र सरकार सीएए को रद्द नहीं कर देती हैं, तब तक वो अपने प्रदर्शनस्थल से नहीं हटेंगी। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने अपनी बांह पर नीले रंग का बैंड भी बाधा रखा है और भीम राव आंबेडकर के नाम के नारे भी इन महिलाओं द्वारा लगाए जा रहे हैं।

शाहीन बाग के तर्ज पर शुरू किया ये प्रदर्शन

जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर हो रहे इस प्रदर्शन को शाहीन बाग प्रदर्शन की तर्ज पर शुरू किया गया है। इस प्रदर्शन में केवल महिलाओं ने हिस्सा लिया है और ये सभी महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग पर अड़ी हुई हैं। गौरतलब है कि दिल्ली के शाहीन बाग में दिसंबर महीने से प्रदर्शन किया जा रहा है और ये प्रदर्शन अभी भी जारी है। शाहीन बाग में दो महीनों से चल रहे इस प्रदर्शन के कारण लोगों को खासा परेशानी हो रही है और यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुई है। शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका भी दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक इस प्रदर्शन को लेकर किसी भी तरह का बड़ा फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रदर्शन को सार्वजनिक जगह पर ना करने की बात कही है और प्रदर्शनकारियों को धरना देने वाली जगह पर जाने की राय दी है।

गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय सरकार की और से नागरिकता संशोधन कानून को पारित किया गया है। इस कानून के खिलाफ देश भर के कई हिस्सों में आंदलोन किया जा रहा है और सरकार से ये कानून वापस लेने की मांग की जा रही है।

अब लगता है की यह सिर्फ लातों के भूत हैं और इन का इलाज़ अभी सिर्फ लातों से होना चाहिए

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