IAS बनने वाली केरल की पहली आदिवासी लड़की बनीं श्रीधन्या, मेहनत से हर कठिनाई को हराया
वायनाड नाम की केरल में एक जगह है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी यहां से सांसद हैं। हालांकि यहां हम आपको किसी और वजह से वायनाड के बारे में बता रहे हैं। यहां से श्रीधन्या सुरेश नाम की एक आदिवासी लड़की IAS बन गई है। इस लड़की ने वायनाड से इतिहास रच दिया है, क्योंकि IAS बनने वाली यह केरल की पहली आदिवासी लड़की है। श्रीधन्या ने 22 वर्ष की उम्र में इसके लिए पहला प्रयास किया था। दो प्रयास के बाद आखिरकार तीसरे प्रयास में उन्हें 410वां स्थान हासिल हुआ और उन्होंने 2019 में इतिहास रच दिया।
गरीबी में कटा जीवन
IAS बनना श्रीधन्या के लिए इतना भी आसान नहीं रहा। मनरेगा में पिता मजदूरी करते थे। जो समय बचता था, उसमें धनुष और तीर बनाकर बेचा करते थे। सरकार की ओर से थोड़ी जमीन मिली थी, जिस पर घर बनाने के लिए पैसे ही नहीं थे। ऐसे में घर भी अधूरा ही रह गया। श्रीधन्या यहां अपने मां-बाप और दो भाई-बहनों के साथ रह रही थीं।
श्रीधन्या पोजूथाना गांव के कुरिचिया जनजाति से नाता रखती हैं। मां-बाप के पास पैसे जरूर कम थे, लेकिन फिर भी उन्होंने श्रीधन्या को पढ़ा-लिखा दिया। कोझीकोड के सेंट जोसेफ कॉलेज से श्रीधन्या ने अपनी स्नातक की पढ़ाई जूलॉजी में पूरी की। उन्होंने स्नातकोत्तर की पढ़ाई भी यहीं से कर ली। इसके बाद केरल के ही अनुसूचित जनजाति विकास विभाग में उन्होंने क्लर्क के तौर पर काम भी किया। साथ ही वायनाड के ही एक आदिवासी हॉस्टल में उन्होंने वार्डन की भी जिम्मेदारी संभाली। यहां उनकी भेंट श्रीराम समाशिव राय से हो गई, जो कि वायनाड के उस दौरान कलेक्टर थे और उन्होंने ही श्रीधन्या को UPSC का एग्जाम देने के लिए प्रेरित किया।
तीसरे प्रयास में मिली कामयाबी
श्रीधन्या का जब तीसरे प्रयास में इंटरव्यू के लिए चयन हो गया तो दिल्ली जाने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे ही नहीं थे। ऐसे में उनके दोस्तों ने उनके लिए मिलकर 40 हजार रुपये जमा किए, जिसकी बदौलत वे दिल्ली जा पाईं। एक इंटरव्यू में श्रीधन्या ने बताया था कि केरल के सबसे पिछड़े जिले से वे नाता रखती हैं, जहां आदिवासी जनजाति की संख्या बहुत है। इतनी संख्या में होने के बावजूद कोई आदिवासी अब तक IAS अधिकारी नहीं बन सका है। उन्होंने यह भी कहा था कि यूपीएससी की तैयारी करने वाले वायनाड में पहले से ही बहुत कम लोग हैं। फिर भी उन्हें इस बात की पूरी उम्मीद है कि उनका चयन हो जाने से बाकी लोगों को भी और परिश्रम करने एवं आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
राहुल गांधी की बधाई
Ms Sreedhanya Suresh from Wayanad, is the first tribal girl from Kerala to be selected for the civil service.
Sreedhanya’s hard work & dedication have helped make her dream come true.
I congratulate Sreedhanya and her family and wish her great successs in her chosen career.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 6, 2019
जब श्रीधन्या का UPSC में चयन हो गया तो इसके बाद तो उनके घर मीडिया वालों का तांता ही लग गया। यहां उन्होंने सभी को इंटरव्यू देकर अपनी सफलता की कहानी सुनाई। यहां तक कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी उनसे मिलने के लिए पहुंची थीं। वहीं, वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करके श्रीधन्या को बधाई दी थी। इस ट्वीट में राहुल गांधी ने लिखा था कि श्रीधन्या सुरेश जो कि वायनाड की रहने वाली हैं और जो IAS की परीक्षा में सफलता पाने वाली केरल की पहली आदिवासी लड़की बन गई हैं, उन्हें वे बधाई देते हैं। साथ ही राहुल गांधी ने यह भी लिखा था कि अपने कठिन परिश्रम और लगन के दम पर उन्होंने अपने सपने को सच करके दिखाया है। वे उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
सफलता ने किया साबित
श्रीधन्या ने अपने लगभग सभी इंटरव्यू में यह कहा था कि वे केरल के सबसे पिछड़ा माने जाने वाले जिले वायनाड से वे ताल्लुक रखती हैं। राहुल गांधी भी यहीं से सांसद हैं। ऐसे में राहुल गांधी से भी यह उम्मीद की जाती है कि वे इस जिले के विकास पर ध्यान देंगे। वहीं, श्रीधन्या की सफलता से केरल के बाकी युवाओं को भी यह प्रेरणा मिली है कि अभाव की वजह से प्रतिभा कभी भी नहीं दब सकती है। मेहनत व लगन की जीत जरूर होती है।
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