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हाथ में संविधान और दिल में पाकिस्तान… मोदी से नफरत, पाकिस्तान से प्यार यही है शाहीन बाग धरना

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन पर कहा है कि जो लोग कहते हैं कि भारत के टुकड़े होंगे उन लोगों को मैं क्या समझाऊं। हिन्दुस्तान शिखर समागम के पांचवें संस्करण में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन को लेकर एक सवाल किया गया था और इस सवाल के जवाब ने ईरानी ने ये बात कही है।

शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन पर स्मृति ईरानी से जब ये पूछा गया कि आपके दफ्तर से 15 किलोमीटर की दूरी पर बुजुर्ग महिलाएं बैठी हुई हैं और प्रदर्शन कर रही है? इसपर स्मृति ईरानी ने जवाब देते हुए कहा कि ‘मैं उनको जाकर क्या समझाऊं जो देश के पीएम को मौत के घाट उतारने की बात कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी अपने बच्चों को विरोध प्रदर्शन में लाते हैं और ये चौंकाने वाली घटना हैं। एक महिला सर्दी में अपने चार महीने के बच्चे को विरोध स्थल पर ले आई। जिसके कारण शिशु की मृत्यु हो गई। शाहीन बाग में बच्चों को ये नारे सीखाए जाते हैं कि ‘हम मोदी की हत्या कर देंगे’। जब पंडितों को कश्मीर से बाहर करने के लिए मजबूर किया गया था, तो तब ये चिंता क्यों नहीं दिखाई गई?

नागरिकता संशोधन कानून पर बात करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि जो लोग इस कानून को जानते हैं, वो इस चीज को समझता हैं कि पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ बलात्कार किया जाता है और ऐसे परिवारों को शरण देने के लिए ये कानून बना है।

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के पारित होने के बाद से शाहीन बाग में हजारों की संख्या में महिलाएं इस कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं। शाहीन बाग में ये प्रदर्शन दिसंबर महीने से चल रहा है और अभी भी जारी है। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को वापस लिया जाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस कानून से देश के मुस्लिमानों की नागरिकता खतरे में पड़ सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं याचिकाएं

शाहीन बाग प्रदर्शन के चलते इस इलाके में रहने वाले लोगों को खासा दिक्कत हो रही है और यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए कई सारी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर भी की जा चुकी हैं। इन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्प्णी करते हुए कहा है कि ये प्रदर्शन सार्वजनिक जगह पर नहीं किया जा सकता है और प्रदर्शन करने वाले लोग प्रदर्शन स्थल पर जाकर ये प्रदर्शन करें। इतना ही नहीं कोर्ट ने वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से वार्तालाप करने की जिम्मेदारी भी दी है। जिसके बाद संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने शाहीन बाग जाकर प्रदर्शनकारियों से बात की है। शनिवार को प्रदर्शकारियों ने शाहीन बाग की बंद की गई सड़क को खोलने के लिए कई सारी शर्ते रखी हैं। जिनके पूरा होने के बाद ही प्रदर्शकारियों द्वारा सड़क खोली जाएगी।

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