मुस्लिमों के हक मांगने कि लड़ाई नहीं बल्कि हिंदुओं का हक़ छीनने की जिद है शाहीनबाग धरना: रिजवी
लखनऊ- शाहीनबाग में करीब 2 महीने से जारी बवाल के बीच पहली बार किसी ने कायदे की बात की है। और ये बात जिसने कही है उनसे शायद की ऐसे बयान कि उम्मीद किसी को होगी। दरअसल, यह बयान शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने दिया है। उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में जारी धरने पर जो बात कही है वह वाकई में सच्चाई है। वसीम रिजवी ने कहा है कि शाहीन बाग में जारी धरना मुस्लिमों के हक मांगने कि लड़ाई नहीं है बल्कि हिंदुओं का हक छीनने की जिद है।
इतना ही नहीं वसीम रिजवी ने पाकिस्तान प्रेमी मुस्लिमों पर ताबड़तोड़ तरीके से तंज कसा है। वसीम रिजवी जो हमेशा ही अपने खुले बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं उन्होंने अपने बयान में आगे ओवैसी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले कसाब (जिसका पूरा नाम अजमल आमिर कसाब था) जैसे को भेजता था, लेकिन अब ‘ओवैसी वायरस’ से कसाब हिंदुस्तान में ही तैयार किये जा रहे हैं।
वसीम रिजवी ने उस बात पर भी जोर दिया है कि शाहीन बाग की तरह भले ही देश भर में हजारों धरने हो जाएं लेकिन सीएए (CAA) पर किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं होना चाहिए। अपने एक अन्य बयान में रिजवी ने ये भी कहा कि अभी देश में जो हालात हैं वो अगर ऐसे ही रहा तो इस्लामिक दाढ़ी और बगैर मूंछ के डरावने चेहरे हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब को बर्बाद कर देंगे। दरअसल, रिजवी ने ये एक चेतावनी दी है कि देश के हालात किस तरह से दिनों दिन बिगड़ रही है।
आपको बता दें कि लखनऊ का क्लॉकटावर एक और शाहीनबाग बन गया है जहां पिछले हफ्ते के शुक्रवार से बैनर या पोस्टर के साथ मुस्लिम महिलाएं अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं। इसी बात पर यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिजवी ने कुछ दिनों पहले लखनऊ के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक प्रकाश को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि जहां धरना हो रहा है वो जमीन बोर्ड कि है और इसे तुरंत खाली कराया जाए। पत्र में वसीम रिजवी ने कहा था कि विरोध के लिए इस्तेमाल की जा रही जमीन शिया ट्रस्ट की है और इसपर सुन्नी प्रदर्शनकारियों द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत भी दी थी।
मीडिया से बात करते हुए, वसीम रिज़वी ने कहा था कि, “हुसैनाबाद ट्रस्ट से संबंधित भूमि जो कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आती है, उसपर सुन्नी समुदाय से संबंधित प्रदर्शनकारियों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। उन्होंने आगे कहा था कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक बयान सस्ती राजनीति करना कांग्रेस के ‘सुनियोजित टुकड़े-टुकड़े गिरोह’ के सदस्यों की सोची समझी साजिश है।”
बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब वसीम रिजवी ने इस तरह का बयान दिया है। वो अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। कट्टर मुस्लिम समाज में अपनी उलट छवि रखने वाले वसीम रिजवी राम मंदिर से लेकर बाबरी मस्जिद या तीन तलाक की या फिर मदरसों में शिक्षा पर हमेशा से अपने प्रगतिशील विचार रखते हैं। वह यह एक ऐसे मुस्लिम हैं जो इन सभी मुद्दों पर अपने प्रगतिशील विचारों के लिए जाने जाते हैं। रिजवी के कड़वे बयान लोगों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं। गौरतलब है कि दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में करीब 15 दिसंबर, 2019 से धरना जारी है। यह धरना CAA कानून को वापस लेने के लिए किया जा रहा है। हाल ही में इस मामले का हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए कुछ पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।